
मजबूरियों में हौसले की मिसाल कायम करने वाली बिहार के दरभंगा जिले की बेटी ज्योति की चर्चा अमेरिका तक पहुंच गई है. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ज्योति के हौसले को सराहा है और उसकी संघर्षपूर्ण कहानी को अपने ट्विटर अकाउंट पर साझा किया है. दरभंगा के सिरहुल्ली गांव की 15 वर्षीय ज्योति ने लॉकडाउन के दौरान अपने बीमार पिता को साइकिल पर बैठा कर से गुड़गांव से दरभंगा तक का सफ़र तय किया. तकरीबन 12 सौ किलोमीटर के इस संघर्षपूर्ण सफर को हौसले के साथ पूरा किया. ज्योति की कहानी को शुक्रवार इवांका ट्रम्प ने ट्विटर पर साझा किया.
ज्योति की संघर्षपूर्ण कहानी सामने आने के बाद से कई लोग और संगठन उसकी तथा उसके परिवार की मदद को सामने आए हैं. ज्योति आठवीं की छात्रा है. लिहाजा उसकी पढ़ाई में मदद का भरोसा दिया गया है. साइकिलिंग फेडरेशन ऑफ इंडिया ने ज्योति को अगले महीने ट्रायल के लिए भी बुलाया है. ज्योति ने शुक्रवार को बताया कि उसे एक कॉल आया है. साइकिलिंग फेडरेशन के चेयरमैन ओंकार सिंह ने उसे शाबाशी के साथ आशीर्वाद भी दिया.

दरभंगा की 15 साल की ज्योति जनवरी में अपने बीमार पिता की सेवा के लिए गुड़गांव गई थी. इसी बीच मार्च में लॉकडाउन हो गया और वह गुड़गांव में ही फंस गई. लॉक’डाउन के चलते अपने जैसे कई लोगों के साथ-साथ वो भी बेरोजगार हो गये. पिता और बेटी के समक्ष भूखों मरने की नौबत आ गई. इस पर ज्योति ने कुछ पैसे लगाकर एक पुरानी साइकिल खरीदी और पिता को उस पर बिठाकर गांव चलने को मना लिया.
ज्योति आठ दिनों की कड़ी मेहनत के बाद 12 सौ किलोमीटर साइकिल चलाकर पिता को लेकर गुड़गांव से दरभंगा के सिरहुल्ली पहुंच गई. इस बीच शुक्रवार को राढ़ी पश्चिमी पंचायत के पकटोला स्थित डॉ. गोविंद चंद्र मिश्रा एजुकेशनल फाउंडेशन ने भी ज्योति को नि:शुल्क शिक्षा और उसके पिता मोहन पासवान को नौकरी का प्रस्ताव दिया है. फाउंडेशन ने सिरहुल्ली निवासी मोहन पासवान और उनकी पुत्री ज्योति कुमारी को हरसंभव सहायता करने का निर्णय लिया है.