उत्तर प्रदेश सरकार : अन्य राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएगी

लखनऊ : उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार ने दूसरे राज्यों में फंसे अपने श्रमिकों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाने का फैसला किया है. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लॉकडाउन की समीक्षा के लिए आयोजित बैठक में कहा, प्रदेश से बाहर काम करने वाले और वहीं फंसे रह गए प्रदेशवासियों को चरणबद्ध तरीके से वापस लाएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने योजना तैयार करने, प्रवासी कामगारों की सूची बनाने का आदेश दिया. उत्तर प्रदेश सरकार राज्य की सीमा से ही प्रवासियों को घर भेजने के लिए बसों का इस्तेमाल करेगी. कामगार क्वारैन्टाइन सेंटर भेजे जाएंगे, या घरों पर ही क्वारैन्टाइन किए जाएंगे.

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ

उन्होंने कहा, ”ऐसे लोगों की स्क्रीनिंग व टेस्टिंग (जांच) कराने के बाद संबंधित राज्य सरकारों को उन्हें वापस भेजने की प्रक्रिया प्रारम्भ करनी होगी. संबंधित राज्य सरकारों द्वारा उन्हें राज्य की सीमा तक पहुंचाए जाने के बाद वहां से इन लोगों को बसों से उनके गृह जिला भेजा जाएगा. ये लोग जिन जनपदों में जाएंगे, वहां इन्हें 14 दिन पृथक-वास में रखने की पूरी व्यवस्था समय से कर ली जाए.”

योगी ने कहा, ‘‘इसके लिए शेल्टर होम या आश्रय स्थल को खाली कर सेनेटाइज (संक्रमण मुक्त) किया जाए. शेल्टर होम पर कम्युनिटी किचन (सामुदायिक रसोई) के सुचारू संचालन के लिए सभी प्रबन्ध सुनिश्चित किये जाएं, ताकि इन लोगों के लिए ताजे व भरपेट भोजन की व्यवस्था हो सके. 14 दिन के संस्थागत पृथक-वास पूरा करने वालों को राशन की किट व एक हजार रुपये के भरण-पोषण भत्ते के साथ घर पर पृथक-वास के लिए भेजने की व्यवस्था की जाए.”

उन्होंने कहा कि प्रदेश में कोविड-19 से प्रभावित क्षेत्रों को हॉटस्पॉट ( संक्रमण से अत्यधिक प्रभावित क्षेत्र ) के रूप में चिन्हित करते हुए संक्रमण से बचाव के लिए अपनायी जा रही रणनीति अत्यन्त प्रभावी सिद्ध हो रही है. उन्होंने कहा कि हॉटस्पॉट चिह्नित करने का ‘यूपी मॉडल’ काफी लोकप्रिय हुआ है. साथ ही उन्होंने कहा कि यह निरन्तर सुनिश्चित किया जाए कि हॉटस्पॉट क्षेत्रों में केवल मेडिकल, सेनिटेशन तथा होम डिलीवरी टीमें ही जाएं.

उन्होंने कोविड-19 के संक्रमण को नियंत्रित करने के लिए लॉकडाउन के सफल क्रियान्वयन पर बल देते हुए कहा कि भारत सरकार द्वारा कोरोना वायरस संक्रमण का प्रसार रोकने के लिए उठाए गए इस कदम की पूरी दुनिया में तारीफ हो रही है. उन्होंने प्रत्येक दशा में सामाजिक मेलजोल से दूरी बनाए रखने के निर्देश भी दिये.

गौरतलब है कि इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार लॉकडाउन के दौरान राजस्थान के कोटा में फंसे अपने छात्रों को विशेष बसों के जरिए वापस बुलवा चुकी है. हालांकि राज्य सरकार के इस फैसले का नीतीश कुमार और हेमंत सोरेन जैसे मुख्यमंत्रियों ने यह कहते हुए विरोध जताया था कि छात्रों को वापस लाने के लिए विशेष बसें भेजी जाती हैं लेकिन मजदूरों के लिए कोई कुछ नहीं करता. नीतीश कुमार ने तो यहां तक कहा था कि ऐसा कराना लॉकडाउन को कमजोर करना है.

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