केजरीवाल की अपील -दिल्ली छोड़कर नहीं जाएं कोई मजदूर ,कोई भूखा नहीं सोएगा

कोरोना वायरस के बढ़ते संक्रमण के मद्देनजर लॉकडाउन घोषित किया गया है। जिसके बाद दिल्ली में दिहाड़ी मजदूरी का काम करने वाले लोग अपने-अपने गांव की ओर लौटने लगे हैं। हालांकि, मजदूरों के पलायन को रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारें लगातार जरूरी कदम उठा रही है। खुद दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने ऐसे लोगों से अपील की है कि वो जहां रह रहे हैं वहीं रूकें। उनके खान-पीने की हरसंभव व्यवस्था की जाएगी। दिल्ली सरकार की ओर से बनाए गए करीब 800 केंद्रों पर जरूरतमंद लोगों को भोजन वितरित किया जा रहा है।

4 लाख लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था: केजरीवाल
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए कहा कि, सरकार ने 568 स्कूल और 238 शेल्टर होम में रोजाना 4 लाख लोगों के लिए भोजन की व्यवस्था कर रहे हैं। उन्होंने ये अपील भी की है कि ज्यादा से ज्यादा लोगों को रिलीफ कैंप के बारे में बताएं और नजदीकी सेंटर पर लोगों को पहुंचने में उनकी मदद करें। साथ ही उन्हें ये बताएं कि हमने उनके लिए जरूरी व्यवस्थाएं की हैं।
568 स्कूलों और 238 रैन बसेरों में खाने का इंतजाम
अरविंद केजरीवाल ने कहा कि हमारे फ्लाइंट स्कैड प्रत्येक जिले में गश्त कर रहे हैं और जरूरतमंदों को भोजन के पैकेट वितरित कर रहे हैं।करीब 1000 से ज्यादा मोबाइल टीम घूम-घूमकर गली-मोहल्लों में खाना बांट रही हैं। पूरी दिल्ली में इसको लेकर ऐलान भी शुरू कर दिया गया है। रविवार से वितरण प्रक्रिया सुचारू रूप से चलेगी और भोजन हर जगह पहुंचेगा। हमने अपने विधायकों से कहा है कि वो मजदूरों से बात करें, उन्हें दिल्ली छोड़कर नहीं जाने के लिए अनुरोध करें।
एक हजार से ज्यादा मोबाइल टीम बांट रही खाना: केजरीवाल
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि 1,000 राशन की दुकानों में मुफ्त राशन दिया जा रहा है। बाकी दुकानें भी अगले 2-3 दिन में खुल जाएंगी। इससे दिल्ली के लाखों परिवारों को राहत मिलेगी। उन्होंने पलायन कर रहे मजदूरों से अपील करते हुए कहा कि इस कोरोना महामारी को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ओर से की गई लॉकडाउन की पहल बेहद जरूरी है। अगर लोग पलायन करेंगे तो कोरोना वायरस के मामले बढ़ेंगे।

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