कोटा से छत्तीसगढ़ लौटे 2200 से अधिक स्टूडेंट्स 14 दिन के लिए क्वारैंटाइन, कुछ क्वारैंटाइन सेंटर्स में अव्यवस्था की खबरें

रायपुर. राजस्थान के कोटा शहर से बच्चों के छत्तीसगढ़ लौटने का सिलसिला शुरू हो चुका है। कुछ को प्राइवेट स्कूल तो कुछ को सरकारी हॉस्टल में रखा जा रहा है। किसी भी बच्चे को उनके गृह जिले में रहने की अनुमति नहीं है। बच्चों की टेस्टिंग की जा रही है। इसके बाद उन्हें कमरा अलॉट किया जा रहा है। कुछ क्वारैंटाइन सेंटर्स से अव्यवस्था की खबरें भी आ रही हैं। परिजन बीते 12 घंटों से सरकार से मांग कर रहे हैं कि बच्चों को होम क्वारैंटाइन में रहने की अनुमति दी जाए। कोटा से छत्तीसगढ़ पहुंचने के सफर में बच्चों को ठीक तरह से खाना नहीं मिला, बस की एसी नहीं चलाई गई इस वजह से परिजन क्वारैंटाइन सेंटर की व्यवस्था को लेकर आशंकित हैं। 2200 से अधिक स्टूडेंट्स कोटा से छत्तीसगढ़ लौटे हैं। 

एक रूम में 12 बच्चे, कॉमन टॉयलेट ये कैसा क्वारैंटाइन  : रायपुर के नीलम सिंह ने बताया कि उनके बच्चों को कवर्धा के बोड़ला के स्कूल में ठहराया गया है। पीने का साफ पानी तक नहीं मिल रहा है, वहां बच्चों को एक कमरे में 12 बच्चों को रखा गया है। भरत अग्रवाल ने बताया कि वहां कॉमन टॉयलेट है, ऐसे में हाइजीन का ध्यान रख पाना संभव नहीं। यह किस तरह का क्वारैंटाइन हैं, जिन सेंटर में बच्चे रुके हैं, वहां गर्मी काफी है रहना मुश्किल हो रहा है। स्वाति सिंह ने बताया कि उनके भतीजे को भी कवर्धा में रखा जा रहा है। कोटा से छत्तीसगढ़ आते वक्त रात में खाने के नाम पर बिस्किट दिए गए। दोपहर का वक्त हो चुका है मगर बच्चों को अब तक कुछ भी खाने को नहीं दिया गया है।

रायपुर में इन जिलों से आए बच्चे : रायपुर में कोरबा, बिलासपुर, रायगढ़, पेंड्रा, मुंगेली, जांजगीर और कांकेर जिले के बच्चों को लाया गया। यहां सभी बच्चों की रैपिड टेस्टिंग किट से टेस्टिंग हुई। इसके बाद उनके सामान को सैनिटाइज किया गया। सैनिटाइजेशन के बाद बच्चों को कमरे अलॉट किए गए। रायपुर में कुल 709 स्टूडेंट्स को रखा जा रहा है।  गुढ़ियारी के प्रयास विद्यालय में बिलासपुर के 75 रायगढ़ के 86 जांजगीर चांपा के 55, ज्ञानगंगा एजुकेशन एकेडमी में कोरबा के 70 गौरेला पेंड्रा के 12 मुंगेली के 7 कांकेर के 30, सड्‌डू के प्रयास सेंटर में बिलासपुर के 76 रायगढ़ के 120 जांजगीर चांपा के 69 कांकेर के 16, एनएच गोयल स्कूल में कोरबा के 71 गौरेला पेंड्रा 9 मुंगेली के 20 बच्चों को रखा गया है। 

बिलासपुर में आलम  : यहां दुर्ग, बालोद, कवर्धा, राजनांदगांव और महासमुंद के 415 बच्चों को 14 दिनों तक क्वारैंटाइन सेंटर में रखा जाएगा। जिले के जैन इंटरनेशनल, सैंट जेवियर्स भरनी, एलसीआईटी, करियर पाइंट और जगदीश लॉज को क्वारैंटाइन सेंटर बनाया गया है। सुबह पहुंचे बच्चों का सबसे पहले जैन इंटरनेशनल स्कूल में हेल्थ चेकअप किया गया। बच्चों को फिजिकल डिस्टेंसिंग के बारे में जानकारी दी गई और इसके बाद पहले से तय लिस्ट के मुताबिक बच्चों को क्वारैंटाइन सेंटर में भेजा गया। बच्चों ने बताया कि रास्ते में उन्हें खाने को लेकर दिक्कतों का सामना करना पड़ा। अब बिलासपुर के क्वारैंटाइन सेंटर में किस तरह की व्यवस्था होगी यह देखना होगा। हालांकि प्रशासन ने दावा किया है कि बच्चों को किसी भी तरह की परेशानी नहीं होगी। 

जब कवर्धा पहुंचे बच्चे 

कबीरधाम जिले में कोटा से पहुंचे बच्चों का स्वास्थ्य परीक्षण किया जा रहा है। यहां  महासमुंद और रायपुर जिले के छात्र-छात्राओं को ठहराया जा रहा है। इनमें महासमुंद जिले के 120 और रायपुर जिले के 140 छात्र-छात्राएं शामिल है। कलेक्टर अवनीश कुमार शरण ने बताया कि  135 छात्रो में बोड़ला के कस्तूरबा आवासीय शिक्षा परिसर के और 117 छात्राओं को कवर्धा के कन्या शिक्षा परिसर में क्वारैंटाइन किया जा रहा है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. एसके तिवारी ने बताया कि जिला प्रशासन द्वारा बनाई टीम द्वारा सभी बच्चों का स्क्रीनिंग चल रही है। बच्चों को लेकर लौटी बस के ड्राइवर और हेल्पर को भी क्वारैंटाइन किया जाएगा।

दुर्ग में रात तक कूलर लगते रहे : कोटा से आए बच्चे दुर्ग पहुंच चुके हैं। देर रात तक क्वारैंटाइन सेंटर में कूलर फिट करने का काम होता रहा। कुछ छोटे-मोटे काम सुबह तक भी हुए। 2 जगहों पर स्टूडेंट्स को ठहराने की व्यवस्था गई है। एक है सिविल लाईन दुर्ग स्थित विज्ञान विकास केंद्र। जहां लड़कियों को रखा जाना है। अंबिकापुर, सूरजपुर व कोरिया जिले के करीब 473 बच्चों को दुर्ग जिले क्वारैंटाइन सेंटर में 14 दिनों के लिए रहेंगे।  रूंगटा कॉलेज में भी बच्चे रहेंगे। सुबह आए बच्चों का हेल्थ चेकअप किया जा रहा है। इसके बाद उन्हें कमरों में भेजा जा रहा है। परिजन लगातार अव्यवस्था को लेकर चिंतित हैं और सरकार से इस मामले को गंभीरता से लेने की मांग कर रहे हैं। 

रायगढ़, कांकेर और बेमेतरा की व्यवस्था :
रायगढ़ में जशपुर के 55 बच्चों को रखा जा रहा है। यहां के तेजस्विनी हॉस्टल में 25 पोस्ट मैट्रिक कर्मचारी हॉस्टल में 15, पोस्ट मैट्रिक ओबीसी हॉस्टल में 20, प्रीमैट्रिक एसटी कन्या छात्रावास में 20, प्रीमैट्रिक एससी कन्या छात्रावास में 20 बच्चों को रखा जाएगा। कांकेर में बस्तर, दंतेवाड़ा, कोंडागांव, नारायणपुर, बीजापुर के 127 बच्चों को रखा जाएगा। यह बच्चे बालक छात्रावास इमलीपारा और विशिष्ट कन्या छात्रावास में रहेंगे। बेमेतरा जिले में धमतरी, गरियाबंद, बलौदाबाजार, बलरामपुर के 189 बच्चों को रखा जाएगा। यह एलन स्कूल बेमेतरा, और शासकीय महाविद्यालय बेमेतरा में 14 दिनों तक रहेंगे।

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