कोरोना वायरस:किन हालत में काम कर रहे जम्मू कश्मीर के डॉक्टर

कोरोना वायरस:किन हालत में काम कर रहे जम्मू कश्मीर के डॉक्टर

भारत में 21 दिन के लॉकडाउन के सन्नाटे के बीच कोरोना वायरस का डर पसरा नज़र आ रहा है. इन सबके बीच डॉक्टरों और मेडिकल कर्मचारियों के कंधों पर बड़ी ज़िम्मेदारी है.

मेरे घर के पास एक परिवार रहता है जिसमें पति-पत्नि डॉक्टर हैं और रोज़ उनको घर से निकलते देखती हूं तो मुझे किसी योद्धा से कम दिखाई नहीं पड़ते.

लेकिन योद्धाओं को बिना हथियारों के या कम हथियारों के युद्ध के मैदान पर भेज दिया जाएगा तो कैसे लड़ाई जीती जाएगी?

कोरोना वायरस से लड़ने के लिए डॉक्टरों को पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट), एन-95 मास्क, सैनिटाइज़र, दस्ताने, चश्मों के साथ लैस रहना होगा. लेकिन, डॉक्टरों को इन्हीं सामानों की कमी से जूझना 
हालांकि, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने घोषणा की थी कि 15 हज़ार करोड़ रुपए के पैकेज से कोरोना वायरस से जुड़ी टेस्टिंग सुविधाओं, पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स, आइसोलेशन बेड्स, आईसीयू बेड्स, वेंटिलेटर्स और अन्य ज़रूरी साधनों की संख्या बढ़ाई जाएगी.

साथ ही मेडिकल और पैरामेडिकल ट्रेनिंग का काम भी किया जाएगा.

लेकिन, देशभर में कई जगहों से डॉक्टर्स सुरक्षा संबंधी उपकरणों की कमी की बात कह रहे हैं. कुछ ऐसा ही हाल जम्मू-कश्मीर के डॉक्टर्स का भी है.

मरीजों के इलाज में दिन-रात लगे ये डॉक्टर मास्क और पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट्स की कमी से जूझ रहे हैं.

जम्मू-कश्मीर में पिछले कई महीनों से प्रतिबंध लगे हुए हैं और वहां तक मीडिया की पहुंच भी बहुत ज़्यादा नहीं है.

जम्मू-कश्मीर में डॉक्टर्स की स्थितियों के बारे में जानने के लिए बीबीसी ने कई डॉक्टरों से बात की जिनमें से एक हैं जम्मू में डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष, डॉ. बलविंदर सिंह.

जम्मू: मास्क-सैनिटाइज़र मांगा, तो थमाया ट्रांसफ़र ऑर्डर

बलविंदर सिंह वही डॉक्टर हैं जिन्होंने जम्मू में कोरोना वायरस के केस आने के बाद, 8 मार्च को जम्मू के अस्पतालों में पर्याप्त मात्रा में मास्क, सैनिटाइज़र ना होने की शिकायत की थी.

उन्होंने मास्क, सैनिटाइज़र मांगे थे जिसके बाद डायरेक्टर हेल्थ जम्मू ने उन्हें तबादले का नोटिस दे दिया था.

क्या हुआ था उस वक़्त? इस सवाल पर बलविंदर सिंह बताते हैं, ‘‘मुझे कई अस्पतालों से ख़बर मिली कि मास्क, सैनिटाइज़र नहीं हैं. तो मैंने संज्ञान लेते हुए मेडिकल सुपरिटेंडेंट से अपील की. लेकिन हमारी सुनी नहीं गई. फिर हम सबने ओपीडी बंद कर दी.’’


जिसके बाद डायरेक्टर हेल्थ जम्मू ने कॉल किया और कहा कि मास्क की ज़रूरत सिर्फ़ मरीज़ को है, आप लोग काम बंद मत करिए. डॉ.बलविंदर बताते हैं, “इस कॉल के आधे घंटे बाद मेरे तबादले का नोटिस आ गया. मैं उधमपुर के ज़िला अस्पताल में ओर्थोपेडिक कंसलटेंट हूं. इस नोटिस के बाद सबने हड़ताल करने का मन बना लिया. हमने मंगलवार यानी 10 मार्च को हड़ताल पर जाने का फ़ैसला किया. ’’

“हमारे इस क़दम के बाद जम्मू हेल्थ सर्विस की डायरेक्टर रेनू शर्मा ने मांग पर ध्यान दिया और मेरा तबादला भी रोक दिया गया.”

जम्मू के रेज़िडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. अमित कुमार और उपाध्यक्ष डॉ. सौरभ कटोच ने भी अस्पतालों में मास्क और सैनिटाइज़र की कमी के बारे में बताया.

जम्मू: तो क्या अब मास्क, सैनिटाइज़र मिल गए हैं?

डॉ. अमित कुमार का कहना है कि लगभग एक लाख और मास्क जम्मू-कश्मीर मेडिकल कॉरपोरेशन ने ख़रीदने की बात कही है. जो मास्क आ चुके हैं उनमें से 10-15 हज़ार मास्क ज़िला अस्पतालों में पहुंचाए गए हैं और बाक़ी छोटे अस्पतालों के लिए इस्तेमाल किए जाने हैं.

तो वहीं सौरभ कटोच ने बताया कि मास्क आ गए हैं लेकिन छोटे अस्पतालों में अब भी नहीं पहुंचे हैं. ज़िला अस्पतालों में मास्क, सैनिटाइज़र पहुंचे हैं. वहीं एन-95 मास्क गंभीर मामलों में इस्तेमाल हो रहे हैं लेकिन ज़्यादातर ट्रिपल लेयर (तीन-लेयर) वाले मास्क इस्तेमाल हो रहे हैं.

हालांकि तीन-लेयर मास्क भी एन-95 मास्क जितने कारगर हैं लेकिन वह केवल 4 घंटे तक इस्तेमाल किया जाना चाहिए वहीं एन-95 8 घंटे तक इस्तेमाल किया जा सकता है.

डॉ. बलविंदर सिंह का कहना है कि मास्क आ गए हैं लेकिन हर स्तर तक नहीं पहुंच रहे. डॉक्टरों के लिए तो कमी है ही लेकिन जो सफ़ाई कर्मचारी हैं या जो और मेडिकल स्टाफ़ हैं उनके लिए तो व्यवस्था है ही नहीं. वह कहां जाएंगे?

उन्होंने बताया कि पीपीई (पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट), मास्क और सैनिटाइज़र इस आपदा से लड़ने के लिए अहम औज़ार हैं और अगर यही नहीं मिलेंगे तो डॉक्टर्स काम कैसे करेंगे?

लेकिन, उधमपुर के चीफ़ मेडिकल ऑफ़िसर केसी डोगरा अस्पतालों में मास्क की कमी से पूरी तरह इनकार करते हैं. उन्होंने बताया कि मास्क की किसी को कमी नहीं है. प्रशासन पूरी ज़िम्मेदारी से अपना काम कर रहा है.

डॉक्टर जुटा रहे हैं मास्क के लिए पैसे?

28 मार्च को अनंतनाग ज़िले के डोरू इलाक़े के कापरन अस्पताल में 3 डॉक्टरों को सस्पेंड करने का ऑर्डर आया. उनके ख़िलाफ़ कार्रवाई इसलिए की गई क्योंकि वह 15 दिनों से ड्यूटी पर नहीं आ रहे थे.

जम्मू के डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. बलविंदर सिंह के मुताबिक़ तीनों डॉक्टर अस्पताल में ज़रूरी व्यवस्था ना होने की वजह से नहीं जा रहे थे. उनकी मांग भी मास्क और सैनिटाइज़र है.

डॉ. बलविंदर सिंह का कहना है कि जम्मू के डॉक्टर ख़ुद भी पैसे जमाकर अलग से मास्क ख़रीदने पर बात कर रहे हैं ताकि आपदा की स्तिथि में कुछ परेशानी ना हो.

जम्मू-कश्मी र में अबतक कोरोना का कितना कहर ?

जम्मू-कश्मीर में ये ख़बर लिखे जाने तक कोरोना वायरस के 33 मामले आ चुके हैं, जिनमें 9 मामले जम्मू से और 24 कश्मीर घाटी से हैं.

8 मार्च को आया कोरोना वायरस के संक्रमण का पहला केस जम्मू में 63 साल की महिला का था. अब तक जम्मू-कश्मीर में संक्रमण से 65 साल के एक बुज़ुर्ग की मौत हो चुकी है.

“10 दिन में ख़त्म हो जाएंगे पीपीई 

कश्मीर की घाटी में स्थिति के बारे में कश्मीर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ. सोहेल नायक बताते हैं कि लोग यहां सरकार का साथ दे रहे हैं और सख़्ती से लॉकडाउन का पालन कर रहे हैं.

उनका मानना है कि डॉक्टरों को सरकार के साथ क़दम से क़दम मिलाकर चलना चाहिए. एन-95 जैसे मास्क का इस्तेमाल किफ़ायती ढंग से होना चाहिए.

उन्होंने यह ज़रूर कहा, “पीपीई की समस्या बहुत बड़ी है और यह सिर्फ़ कश्मीर में ही नहीं बल्कि पूरे देश में भी है. दिक़्कत इसलिए है क्योंकि हमें आगे की चुनौती के लिए तैयार रहना है और ऐसे में अगर मैं हमारे यहां के स्टॉक की बात करूं तो वो 10 दिन में ही ख़त्म हो जाएगा.”

डॉ. मोहम्मद यूसुफ़, जम्मू-कश्मीर डॉक्टर कम्युनिटी के कनवेनर हैं.

वे कहते हैं कि कई निजी संस्थाएं हैं जो ख़ुद सामने आकर पीपीई की कमी को दूर करने के लिए हमारी मदद करना चाहती हैं, मैं उनसे अनुरोध करूंगा कि सरकार के साथ मिलकर हमारी इसमें मदद कर सकते हैं.

वह भी इस बात को मानते हैं कि मास्क, पीपीई की कमी है और इसको पूरा करना नामुमकिन नहीं है और उन्हें सरकार पर भरोसा है.

कौन पूरी करेगा जम्मू-कश्मीर में बढ़ती मांग ?

डॉक्टरों की मास्क, सैनिटाइज़र और पीपीई की बढ़ती मांग को देखते हुए जम्मू-कश्मीर मेडिकल कॉरपोरेशन क्या कर रहा है?

इस सवाल का जवाब हमें जम्मू-कश्मीर मेडिकल कॉरपोरेशन के जनरल मैनेजर डॉ. मोहम्मद इक़बाल से मिला.

उन्होंने बताया कि एचएलएल (एचएलएल लाइफकेयर लिमिटेड भारत के लिए स्वास्थ्य देखभाल उत्पादन के लिए ज़िम्मेदार है) से जम्मू-कश्मीर के लिए हमने ये ख़़रीदा है:

8 लाख- ट्रिपल लेयर मास्क

2 लाख- एन-95 मास्क

3 लाख- सैनिटाइज़र (500 एमएल)

डॉ. मोहम्मद इक़बाल कहते हैं, “इतना हम लोगों ने ख़रीद लिया है और अस्पतालों में सप्लाई किए जा रहे हैं. इसके अलावा, 2 लाख और पीपीई का ऑर्डर और 500 एमएल के 1 लाख और सैनिटाइज़र के लिए आवेदन दिया है.”

जब बीबीसी ने उन्हें बताया कि जम्मू-कश्मीर के कुछ अस्पतालों से मास्क, सौनिटाइज़र की कमी की बातें सामने आ रही हैं तो उन्होंने कहा, “हमने 3 लाख सैनिटाइज़र का ऑर्डर दिया था जिसमें से 1 लाख हमें डिलीवरी हुआ है. इस 1 लाख को हमने अस्पतालों में बांटा है.”

“रही बात शिक़ायतों की तो आप समझिए, एचएलएल सारे राज्यों की मांग को पूरा करने के लिए मौजूद है. जिस तरह और राज्यों ने अपने-अपने अस्पतालों के लिए मांग रखी है, हमने भी रखी है और हम पूरी कोशिश कर रहे हैं कि जो ऑर्डर हमने किए हैं वो जल्द से जल्द पूरे हो और फिर हमें डिलीवर हों.”

डॉ. मोहम्मद इक़बाल ने यह भी बताया कि ऑर्डर दिए गए पीपीई में से केवल 30-40% ही अभी तक उन्हें मिला है. तो जब सारे ऑर्डर मिल जाएंगे तो शिकायत भी दूर हो जाएगी.

जम्मू-कश्मीर में अस्पतालों की संख्या की बात करें तो 1632 अस्पताल जम्मू में है और 2102 अस्पताल कश्मीर में हैं.

इनवेस्ट इंडिया निवेश को बढ़ावा और सुविधा देने वाली भारत सरकार की एजेंसी है.

उसकी एक रिपोर्ट के मिताबिक, भारत को आने वाले समय में 3.8 करोड़ मास्क, 6 करोड़ 20 लाख पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई)की ज़रूरत पड़ेगी.

इवेस्ट इंडिया ने इनकी सप्लाई के लिए 730 कंपनियों से संपर्क किया है और 319 कंपनियों ने अब तक जवाब दिया है.

सरकार ने हाल ही में कोरोना रिलीफ़ पैकेज में डॉक्टर, नर्स से लेकर सफ़ाई कर्मचारियों के लिए अगले 3 महीनों के लिए 50-50 लाख का बीमा किया है.

इससे स्वास्थ्य क्षेत्र में काम करने वाले 35 लाख लोगों को राहत मिलने की उम्मीद है.

साभार:-बी बी सी

Exit mobile version