कोरोना से लड़ने के लिए 1.25 लाख आयुष डॉक्टरों को दिया जाएगा ऑनलाइन प्रशिक्षण: महाराष्ट्र सरकार

कोरोना से लड़ने के लिए 1.25 लाख आयुष डॉक्टरों को दिया जाएगा ऑनलाइन प्रशिक्षण: महाराष्ट्र सरकार

स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने कहा कि राज्य के सवा लाख आयुष डॉक्टरो को कोरोना से लड़ने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें, आयुष डॉक्टरों में आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी डॉक्टर आते हैं. उन्होंने कहा कि जरुरत पड़ने पर इनकी मदद ली जाएगी.
आयुष डॉक्टरों में आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी डॉक्टर आते हैं.

मुंबई: महाराष्ट्र में बढ़ते कोरोनावायरस (CoronaVirus) के मामलों को देखते हुए राज्य सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है. सरकार के इस फैसले के बारे में स्वास्थ्य मंत्री राजेश टोपे ने जानकारी दी. राजेश टोपे ने कहा कि राज्य के सवा लाख आयुष डॉक्टरो को कोरोना से लड़ने के लिए ऑनलाइन प्रशिक्षण दिया जाएगा. बता दें, आयुष डॉक्टरों में आयुर्वेदिक, यूनानी और होमियोपैथी डॉक्टर आते हैं. स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जरुरत पड़ने पर इनकी मदद ली जाएगी. इसके साथ ही टोपे ने ये भी दावा किया है कि राज्य में डेढ़ हजार वेंटिलेटर और ढाई लाख N95 मास्क उपलब्ध है. वहीं महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने राज्य के लोगों के लिए वीडियो संदेश दिया है. उन्होंने कहा, सोलापुर की आराध्या में अपने जन्मदिन के अवसर पर कोरोना के लिए मुख्यमंत्री रिलीफ फंड में दान देकर उत्तम उदाहरण प्रस्तुत किया है. 
वहीं, होटल ताज और ट्राइडेंट ने डॉक्टरों ले रहने की जगह दी है. बॉलीवुड एक्टर शाहरुख खान ने भी अपने दफ्तर की जगह दी है. मदद के लिए बहुत से लोग आगे आ रहे हैं. ‘उद्धव ठाकरे ने गलत वीडियो फैलाने वालों को निशाना लेते हुए चेतावनी भी दी. उन्होंने कहा, ‘समाज के कुछ घातक वायरस भी हैं, इसलिए मैं उनको बताना चाहता हूं कि COVID-19 से तो मैं अपनी जनता को बचा लूंगा, लेकिन उसके बाद तुम्हें मुझसे कोई नहीं बचा पाएगा. इसलिए कृपया कर गलत वीडियो ना घुमाएं.’

उद्धव ठाकरे ने कहा, ‘हमने मुम्बई में जांच केंद्र बढ़ाया है. इसलिए मरीजों की संख्या बढ़ती हुई दिख रही है, लेकिन 51 लोग ठीक भी हुए हैं. दुर्भाग्य से कुछ लोगों की मृत्यु हुई है. पर वो बुजुर्ग थे, बीमार थे. कहने का मतलब ये कि हम सभी को अपने घर परिवार में बुजुर्गों का विशेष ख्याल रखना है. उनसे विशेष दूरी बनाये. अगली सूचना तक राज्य में कोई भी धार्मिक, राजनीतिक समारोह का आयोजन की इजाजत नहीं दी जाएगी.’ 
 

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