रायपुर. राजभवन में विधेयकों को मंजूरी देने का आग्रह करने आज संसदीय कार्य, कृषि एवं जैव प्रौद्योगिकी मंत्री रविन्द्र चौबे, वनमंत्री मोहम्मद अकबर, नगरीय प्रशासन एवं श्रम मंत्री शिवकुमार डहरिया और उच्च शिक्षा मंत्री उमेश पटेल ने मुलाकात की।

राज्य सरकार गुरुवार को अपने लंबित विधेयकों को पारित करवाने राजभवन पहुंची। बजट सत्र के दौरान पारित चार विधेयक करीब चार महीनों से राज्यपाल अनुसुईया उइके के पास मंजूरी के लंबित थे। राज्यपाल ने भी सरकार के खिलाफ मिल रही शिकायतों को दूर करने मंत्रियों से कहा। इनमें मंत्रियों से तेंदूपत्ता संग्राहकों को लाभांश-बीमा देने, छात्रवृत्ति के मामले, पांचवीं अनुसूची में परिवर्तन से अनुसूचित जनजातियों के अधिकारों का हनन जैसे मुद्दे रहे। सरकार ने कुलपति चुनने के राज्यपाल के अधिकारों में बदलाव वाले विधेयक को सदन में पारित किया है इसे सहमति देने पर राज्यपाल ने टालने वाला जवाब दिया।
राज्यपाल ने कहा कि हम सबका उद्देश्य छत्तीसगढ़ का विकास करना है। इसके लिए जनहित में कार्य किया जाना चाहिए। जन समस्याओं का प्राथमिकता से निराकरण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि विश्वविद्यालय संशोधन विधेयक पर विश्वविद्यालय अनुदान आयोग तथा अन्य राज्यों की प्रणाली का अध्ययन किया जाएगा। विशेषज्ञों से सलाह लेने के पश्चात जो भी निर्णय लिया जाएगा। उसका उद्देश्य छत्तीसगढ़ में उच्च शिक्षा की गुणवत्ता को बनाए रखना होगा।
राज्यपाल ने मीडिया के सवालों पर कहा कि सरकार और राजभवन में कोई मतभेद नहीं हैं। सरकार अच्छी योजनाएं बना रही हैं। धरातल पर काम नजर नहीं आ रहा है। लगातार शिकायतें मिल रही हैं। समन्वय में भी दिक्कत नहीं है पर सरकार और राजभवन एक ही हैं। ये मेरा ही हिस्सा है। इसमें अलग-अलग देखना ठीक नहीं। ये तो मेरी ही सरकार है। मैं संवैधानिक मुखिया हूं। इसे मुझे ही चलाना है।