दिल्ली : क्वारेंटाइन नीति पर केजरीवाल के विरोध के चलते बैठक बीच में ही रोकनी पड़ी, शाम 5 बजे फिर होगी बैठक….

दिल्ली : दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी (DDMA) की बैठक में दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल (Arvind Kejriwal) ने एलजी अनिल बैजल के आदेश का किया पुरजोर विरोध किया. उपराज्यपाल अनिल बैजल ने आदेश दिया है कि अब दिल्ली में कोई भी कोरोना पॉजिटिव होगा तो उसको कम से कम 5 दिन क्वारन्टीन सेंटर में जाना अनिवार्य होगा.  केजरीवाल ने कहा कि जब आईसीएमआर पूरे देश में बिना लक्षण और हल्के लक्षण वाले कोरोना मरीजों को होम आइसोलेशन की इजाज़त देता है तो दिल्ली में अलग नियम क्यों ? केजरीवाल के विरोध के चलते फिलहाल बैठक बीच में ही रोकनी पड़ी है. अब शाम 5:00 बजे फिर से बैठक होगी.

दिल्ली के उप-मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने अपने ट्वीट में कहा- “स्टेट डिज़ास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी की मीटिंग में दोनो ही मुद्दों – प्राइवेट हॉस्पिटल के बेड्ज़ के रेट और होम आइसोलेशन ख़त्म करने के LG साहब के आदेश पर सहमति नहीं बनी, अब बैठक शाम को 5 बजे दोबारा होगी. केंद्र सरकार ने प्राइवेट अस्पतालों में केवल 24% बेड्ज़ को सस्ता करने की सिफ़ारिश की है जबकि दिल्ली सरकार कम से कम 60% बेड्ज़ सस्ते देने पर अड़ी है. यहीं बात अटक गई है. शाम को फिर इस पर चर्चा होगी.” 

मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा, “ज्यादातर कोरोना पॉजिटिव मरीज हल्के लक्षण/बिना लक्षण वाले ही होते हैं इनको क्वारंटाइन करने के लिए व्यवस्था कहां से करेंगे? रेलवे ने आइसोलेशन कोच दिए हैं लेकिन उसके अंदर इतनी गर्मी में कोई कैसे रहेगा ? हमारी प्राथमिकता गंभीर मरीजों के लिए होनी चाहिए या बिना लक्षण और हल्के लक्षण वालों के लिए ?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल. (फ़ाइल फोटो)

केजरीवाल ने कहा, “मेडिकल स्टाफ़ की पहले से ही कमी है, अब हज़ारों मरीजों के लिए क्वारन्टाइन सेन्टर पर डॉक्टर-नर्स कहां से आएंगे? क्वारंटाइन होने के डर से अब हल्के लक्षण और बिना लक्षण वाले लोग टेस्ट कराने से बचेंगे, इससे संक्रमण और फैलेगा. इससे दिल्ली में अफ़रा तफ़री हो जाएगी और पूरी व्यवस्था बिगड़ जाएगी. पूरी दुनिया में ऐसा कहीं नहीं किया गया कि बिना लक्षण वाले मरीज़ों को कोई सरकार क्वॉरंटीन सेंटर में लेकर आए.

उप राज्यपाल अनिल बैजल ने दिल्ली डिजास्टर मैनेजमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष के तौर पर आदेश जारी किया है. आदेश में कहा गया है कि हर कोरोना पॉज़िटिव व्यक्ति को पांच दिन के लिए अनिवार्य रूप से क्वारंटाइन सेंटर में रहना होगा. इसके बाद ही किसी व्यक्ति को होम आइसोलेशन में भेजा जाएगा. लेकिन अगर लक्षण हैं तो आगे उसी हिसाब से  क्वारंटाइन सेंटर या हॉस्पिटल में भेजा जाएगा.

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