Saturday, July 27, 2024

नए बैंकिंग कानून का प्रस्ताव : नहीं होगा अपराध चेक बाउंस, दायर होगा सिविल दावा, माँगे गए सुझावों का आज आखरी दिन

वेब डेस्क : Chhattisgarh Digest News ; Edited By : – Farhan Yunus….

केंद्र सरकार के वित्त एवं वित्तीय सेवा मामलों के मंत्रालय के प्रस्ताव पर नया कानून बना तो फिर चेक बाउंस अपराध नहीं होगा। रिकवरी के लिए क्रिमिनल के बजाय सिविल दावा दायर करना होगा। 23 जून तक संबंधित पक्षकारों से सुझाव मांगे गए हैं। माँगे गए सुझावों का आज आखरी दिन है ।

अभी प्रदेश में 3 लाख और देश में 40 लाख मामले पेंडिंग हैं। इनमें दो साल तक की सजा और चेक वेल्यू से दो गुना जुर्माने या दोनों का प्रावधान हैं। कानूनविदों का कहना है नया कानून चेक के बेईमानी केसों की संख्या तो कम करेगा लेकिन,  इससे एनआईएक्ट लागू करने का उद्देश्य ही खत्म हो जाएगा।

फैसले से होगा यह असर :
विदेशी निवेशकों को बड़ी राहत होगी जिनके लिए आर्थिक अपराध बहुत मायने रखता है।
कारोबारियों को अदालतों के चक्कर लगाने में छुटकारा मिलेगा वह सुगमता बनेगी।
छोटे-मोटे वित्तीय नियमों के पालन में चूक से व्यापारियों पर बढ़ने वाले बोझ में कमी आएगी।
कर्जधारक या चेक जारीकर्ता को जटिल कानूनी प्रक्रियाओं से भी छुटकारा मिलेगा।

निवेशकों में बढ़ेगा विश्वास

मंत्रालय ने कोविड -19 का हवाला देते हुए चेक बाउंस केसों से एनआईएक्ट- 1881 की धारा 138 को छोटे आर्थिक अपराधों की श्रेणी से बाहर करने का प्रस्ताव दिया है। दलील है कि देश कोविड-19 से गुजर रहा है। ऐसे में व्यवसायियों एवं निवेशकों में विश्वास जगाने के लिए ऐसा किया जा रहा है। अपराध की श्रेणी से बाहर करने से व्यवसाय में सुधार होगा।

इन नियमों में भी बदलाव :

  • इंश्योरेंस एक्ट
  • पेमेंट एंड सेटेलमेंट सिस्टम
  • नाबार्ड एक्ट
  • राज्य वित्तीय निगम एक्ट
  • क्रेडिट इनफॉरमेशन कंपनीज (रेगुलेशन) एक्ट
  • दलाली नियंत्रण एक्ट
  • एक्चुअरीज (मुंशी) एक्ट
  • अनियमित जमा योजना पर प्रतिबंध एक्ट
  • डीआईसीजीसी एक्ट
  • पुरस्कार चिटफंड की और मुद्रा प्रसार (नियंत्रण) योजना से जुड़ा है।

कानूनविदों की अलग-अलग राय

  • अधिवक्ता प्रहलाद गुप्ता का कहना है नोटिफिकेशन की तारीख से कानून लागू होगा। लंबित केसों पर असर नहीं होगा।
  • अधिवक्ता श्रीकृष्ण खंडेलवाल का कहना है चेक बाउंस को अपराध की श्रेणी से बाहर करने से धोखा देने के लिए प्रोत्साहित करेगा।
  • अधिवक्ता विकास सोमानी का कहना है चेक गारंटी बरकरार रखना जरूरी है। लेकिन इससे व्यापार में भरोसा कम होगा।
  • अधिवक्ता राजेश गोस्वामी का मानना है कारोबार के लिए सहुलियतें दिए जाने के लिए चेक बाउंस को अपराध से बाहर करना सही है।

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