पूर्व वित्त मंत्री ने RBI को डूबे कर्ज पर सलाह दी, बही-खातों में लिखी इबारतों को पलटें, और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज़ को…..

नई दिल्ली : कांग्रेस के वरिष्ठ नेता पी. चिदंबरम (P Chidambaram) ने डूब चुके कर्ज को लेकर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया (RBI) को रास्ता सुझाया है. बता दें कि उन्होंने दो ट्वीट किए हैं. पूर्व वित्त मंत्री ने पहले ट्वीट में लिखा, “कर्ज़माफी या बट्टेखाते में डाले जाने पर बहस अप्रासंगिक है, जो लोग इससे बहुत खुश होंगे, वे हैं नीरव मोदी, मेहुल चौकसी और विजय माल्या. नियम इंसानों ने ही बनाए हैं. अगर कोई नियम बनाया जा सकता है, तो उसे खत्म भी किया जा सकता है.”

पूर्व वित्त मंत्री रह चुके पी. चिदंबरम. ( फाइल फोटो )

उन्होंने अगले ट्वीट में लिखा, “इस ऐतिहासिक गलती को दुरुस्त करने का एकमात्र रास्ता है कि RBI सभी संबद्ध बैंकों को निर्देश दे कि वे अपने बही-खातों में लिखी इबारतों को पलटें, और भगोड़ों से वसूल नहीं किए जा सके कर्ज़ को अपनी बही में ‘आउटस्टैंडिंग लोन’ के तौर पर दिखाकर उनकी वसूली के लिए कदम उठाएं.”

बताते चलें कि नीरव मोदी (Nirav Modi) और विजय माल्या (Vijay Mallya) जैसे बड़े विल्फुल डिफॉल्टरों के मामले में केंद्र सरकार और मुख्‍य विपक्षी पार्टी कांग्रेस के बीच तकरार खत्‍म होने का नाम नहीं ले रही है. कांग्रेस नेता राहुल गांधी और पार्टी प्रवक्‍ता रणदीप सुरजेवाला के बाद पूर्व वित्त मंत्री पी. चिदंबरम ने इस मामले में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण (Nirmala Sitharaman) पर निशाना साधते हुए सवाल किया कि वह टेक्निकल रूल के पीछे क्‍यों छिप रही हैं.

वित्त मंत्री द्वारा इस मामले में दिए गए स्‍पष्‍टीकरण पर टिप्‍पणी करते हुए चिदंबरम ने कहा, ‘मैंने संसद में पूछा था कि 2004 से पहले, 2004 से 2014 तक के और 2014 के बाद के नॉन प्रोफिटेबल असेट यानी NPA का ब्रेकअप सरकार क्यों नहीं दे रही है.’ पी चिदंबरम ने कहा कि यह ब्रेकअप मिले तो ही यह अंदाजा लगेगा कि इस दौरान कितने लोन दिए गए? वित्त मंत्री सिर्फ यह कहती रहती हैं कि सारे लोन पूर्ववर्ती यूनाइटेड प्रोग्रेसिव अलायंस (UPA) सरकार के दौरान दिए गए.

उन्होंने आगे कहा कि RBI का वह नियम उन विल्‍फुल डिफॉल्टर पर क्यों लागू किया जा रहा, जो भगोड़े घोषित किए जा चुके हैं. यह नियम दूसरी कैटेगरी के डिफॉल्टर पर भी लागू हो सकता है, लेकिन भगोड़ों पर क्यों? वित्त मंत्री एक तकनीकी बात कह रही हैं पर सवाल एक बड़े आयाम का है. भगोड़ों पर वो नियम लागू क्यों हो रहा है जो हज़ारों करोड़ का कर्ज़ लेकर भाग चुके हैं. वित्त मंत्री टेक्निकल रूल के पीछे क्यों छिप रही हैं. यह नियम उन नार्मल डिफॉल्टर पर लागू हो सकता है, जिनकी संपत्ति से यहां पर रिकवरी हो सकती है.

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