बंद पड़े अस्पताल से मरीज हुऐ हलाकान।। निजी डॉक्टरों द्वारा शहर हो या ग्रामीण क्षेत्रों कई क्लिनिक नर्सिंग होम बंद

बंद पड़े अस्पताल से मरीज हुऐ हलाकान।। निजी डॉक्टरों द्वारा शहर हो या ग्रामीण क्षेत्रों कई क्लिनिक नर्सिंग होम बंद

बंद पड़े अस्पताल से पीड़ित हुऐ हलाकान।। निजी डॉक्टरों द्वारा शहर हो या ग्रामीण क्षेत्रों कई क्लिनिक नर्सिंग होम अस्पताल बंद कर अपने घरों में बैठे अपना अच्छा दायित्व निभा रहे हैं

छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट टीम के पडताल पर देखा गया कि ऐसे कई निजी अस्पताल नर्सिंग होम बंद पाई गई जिससे कई लोगों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है

छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट टीम द्वारा पूछे जाने पर पीड़ित लोगों ने बताया कि हमारे छोटे छोटे बच्चों को सामान्य सर्दी, बुखार होने एवं बड़े बीमार बुजुर्गो को शुगर, बी पी जैसी अन्य बिमारियो के इलाज के लिए भटकना पड़ रहा है इलाज के अभाव में छोटे छोटे बच्चों की तबीयत खराब होती जा रही है जबकि ऐसी आपदा स्थिति में डॉक्टरों की सेवा कि आवश्यकता है कई डॉक्टर अपनी सेवा देने से बचते हुए अपने घर में दुबके बैठे हैं ऐसी ही स्थिति रहा तो सामान्य मरीज कहॉ जाकर अपने बच्चों या अपनी इलाज कराये, ऐसा माना जाना गलत नहीं होगा कि डॉक्टर सिर्फ केवल बिजनेस के लिए बड़े बड़े अस्पताल खोले गए हैं

इन डॉक्टरों द्वारा ऐसा क्यों किया जा रहा है जब ऐसी आपदा की स्थिति में डॉक्टरों की सेवा कि अत्यधिक आवश्यकता है ऐसे स्थिति में जब डाक्टरों की जरूरत पड रही है तो ऐसे डॉक्टरों द्वारा अपनी अपनी अस्पताल बंदकर घरो मे आराम फरमा रहे हैं

ऐसे डॉक्टरों द्वारा स्वास्थ्य अधिनियम का उल्लंघन पाया जाना कहने पर कोई बुराई नहीं है डॉक्टरों को भगवान का स्वरूप माना जाता है फिर कैसे डॉक्टर अपनी कर्तव्यों, दायित्यों से पीछे हट रहे हैं

यह सवाल, सवाल बनकर ना रह जाये, स्वास्थ्य विभाग से अनुरोध है कि ऐसी आपदा स्थिति में डॉक्टरों की सेवा कि जरूरत है सभी बंद पड़े अस्पतालो को कुछ समय खोलकर सामान्य बीमारी कि इलाज करने हेतु आदेशित करे एवं जिन अस्पतालो द्वारा आदेशों का उल्लंघन करने पर उनका रजिस्ट्रेशन रद्द कर उचित कार्रवाई करे।

यह गंभीर विषय जनहित से संबंधित होने पर छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट द्वारा अनुरोध किया जा रहा है।। दिनेश चंद्र कुमार सिविल रिपोर्टर छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट रायपुर छत्तीसगढ़

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