मुंबई : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) ने राज्य में फंसे प्रवासी मजदूरों को एक बार फिर आश्वस्त किया कि लॉकडाउन (Coronavirus Lockdown) कोई ‘लॉक-अप’ नहीं है. अपने गृह क्षेत्र जाने की उम्मीद में बांद्रा में इकट्ठा हुए दिहाड़ी मजदूरों से उन्होंने वापस लौटकर कोरोना वायरस की ‘चुनौती’ का सामना करने की अपील की. देशव्यापी लॉकडाउन तीन मई तक बढ़ाए जाने के बावजूद अपने-अपने गृह नगर जाने की आस में यहां बांद्रा रेलवे स्टेशन के पास सैकड़ों प्रवासी कामगारों के इकट्ठा होने के बाद उन्होंने वेबकास्ट के जरिए संबोधित किया. प्रवासियों से अपील करते हुए मुख्यमंत्री ने कुछ देर तक हिंदी में भी संबोधित किया.

ठाकरे ने यह भी कहा कि उनकी सरकार इस पर काम कर रही है कि लॉकडाउन कैसे खत्म किया जाए और औद्योगिक गतिविधियां बहाल हों. उन्होंने माना कि मुंबई और पुणे में संक्रमण के बढ़ते मामले चिंता का विषय हैं. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र में कोरोना वायरस की सबसे अधिक जांच हुई है. उन्होंने केंद्र से प्रायोगिक तौर पर प्लाज्मा उपचार की अनुमति देने का भी अनुरोध किया.
गृह मंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने भी इस मसले पर महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) को फोन किया और बांद्रा में प्रवासियों की भीड़ जुटने की घटना पर चिंता व्यक्त की. गृह मंत्री ने जोर देकर कहा कि इस तरह की घटनाओं से कोरोनावायरस (Coronavirus) के खिलाफ भारत की लड़ाई कमजोर होती है और प्रशासन को ऐसी घटनाओं से बचने के लिए सतर्क रहना होगा. उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र सरकार को मेरा पूरा समर्थन है.
देश में कोरोना संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. भारत में कोरोना से 10 हजार से ज्यादा लोग संक्रमित हो चुके हैं और 350 से ज्यादा की मौत हो चुकी है. इस बीच कोरोनावायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित महाराष्ट्र में इससे संक्रमण से अब तक 2684 लोग संक्रमित हो चुके हैं और 178 लोगों की मौत हो चुकी है. बीते 24 घंटे में महाराष्ट्र में कोरोना के 350 नए मामले सामने आए और इस दौरान 18 लोगों की मौत हो गई. महाराष्ट्र के मुंबई में कोरोना के 1756 मामले हैं और यहां अब तक 112 लोगों की मौत हो चुकी है.