भूपेश सरकार ने लिखी चिट्टी ,जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत बीमा योजना में शामिल करे प्रधानमंत्री

रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखकर स्वास्थ्य कर्मियों की तरह ही पुलिस कर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज अंतर्गत बीमा योजना में शामिल करने का अनुरोध किया है।
मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र में लिखा है कि सबसे पहले मैं आपको महामारी रोग अध्यादेश (संशोधन), 2020 लागू करने के लिए बधाई देता हॅू। छत्तीसगढ़ राज्य में स्वास्थ्य सेवाकर्मी, पुलिस कर्मी तथा अन्य विभागों के अधिकारी-कर्मचारी पूर्ण समन्वय स्थापित कर अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं। यद्यपि छत्तीसगढ़ में स्वास्थ्य सेवाकर्मियों पर किसी भी प्रकार के हमले की घटना घटित नहीं हुई है तदापि उपरोक्त अध्यादेश कोरोना संक्रमण से लड़ने वाले योद्धाओं को एक मजबूत सुरक्षा कवच प्रदाय करता है। इसके साथ-साथ भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए 50 लाख रूपए के बीमा योजना की घोषणा की गई है, जो एक स्वागत योग्य कदम है।
मुख्यमंत्री ने कहा कि आपका ध्यान स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के अतिरिक्त उन हजारों कर्मचारी एवं अधिकारियों के योगदान की ओर आकर्षित करना चाहूंगा, जो दिन-रात लाॅक-डाॅउन को सफल बनाने में जुटे हुए हैं। जैसा की आप अवगत हैं, अपने इस कर्तव्य के निर्वहन के दौरान कई कर्मचारी एवं अधिकारी भी कोविड-19 से संक्रमित हुए हैं, परंतु आश्यर्च का विषय है कि भारत सरकार द्वारा स्वास्थ्य सेवाकर्मियों के लिए लागू की गई बीमा योजना के दायरे में राज्यों के इन कर्मचारी-अधिकारियों को बीमा योजना में सम्मिलित नहीं किया गया है। उपरोक्त अध्यादेश के तहत ‘स्वास्थ्य सेवाकर्मी‘ की परिभाषा की ओर ध्यान दें तो धारा -1A(b)(ii)में ऐसे व्यक्ति सम्मिलित हैं, जो महामारी को रोकने के लिए आवश्यक कदम उठाने के लिए अधिकृत किए गए हैं। अर्थात् पुलिस कर्मी, स्थानीय निकाय एवं जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारी भी इस परिभाषा की परिधि में निश्चित रूप से शामिल होंगे, जिनके द्वारा कोरोना संक्रमण से बचाव एवं नियंत्रण के लिए अथक प्रयास किए जा रहे हैं, उन्हें भी स्वास्थ्य कर्मी मानते हुए स्वास्थ्य बीमा का लाभ प्राप्त होना चाहिए।
भूपेश बघेल ने भारत सरकार द्वारा घोषित इस बीमा योजना में पुलिस कर्मी, स्थानीय निकाय और जिला प्रशासन के अधिकारी-कर्मचारियों को भी शामिल करने का अनुरोध किया है।

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