Reported by : सलीम कुरैशी(पालघर), Edited by : फरहान युनूस… http://chhattisgarhdigest.in/
पालघर : 20 मई को श्रमिक ट्रेनों में उत्तरप्रदेश के लिए प्रवासी मजदूरों को कूपन देने के लिए पालघर के आर्यन हाईस्कूल ग्राउंड पर बुलाया गया था और वहा लोग बड़ी संख्या में प्रवासी मजदूर जमा हुए थे । इसके लिये पालघर के तहसीलदार की तरफ से कोई व्यवस्था नही की गयी थी। वही जमा भीड़ को कॉन्ट्रोल करने व सोशल डिस्टेस्टिंग के लिए किसी तरह की कोई व्यवस्था पालघर के तहसीलदार सुनील शिंदे की तरफ से नही की गयी थी ।

कोई व्यवस्था व सुविधा नही होने के कारण गरीब मजबूर बेसहारा मजदूरों को अव्यवस्था के कारण परेशान कामगारों को तहसीलदार लात मारते हुए दिखाई दिए थे. इसी मामले पर अब पालघर तहसीलदार के खिलाफ बीजेपी ने आज आंदोलन किया है ।
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यह घटना 20 मई की है और यह घटना सामने आने के बाद प्रशासन की तरफ से जानकारी मिली थी कि तहसीलदार को शख्ती के छुट्टी पर भेज दिया गया है लेकिन जब सच्चाई बाहर आई तो पता चला कि कोरोना महामारी के चलते तहसीलदार को शादी के छुट्टी पर भेजा गया है और छुट्टी पर होने के बावजूद तहसीलदार अपने कार्यलय में कार्यरत दिखाई दिये, और बाद में फिर से चार्ज संभाल लिया ।
जिस प्रकार प्रशासन ने इस मामले की लीपा पोती की उसे देखने के बाद अब बीजेपी पालघर के पदाधिकारी महामंत्री संतोष जनाठे, उपाध्यक्ष सुजित पाटील, पालघर शहर अध्यक्ष तेजराजसिंह हजारी, पालघर पश्चिम मंडळ अध्यक्ष प्रमोद आरेकर के नेतृत्व में कार्यकर्ताओ ने आज तहसीलदार के खिलाफ आंदोलन किया है ।
आंदोलनकारियों का कहना है : अगर प्रशासन तहसीलदार और कार्यकारी मजिस्ट्रेट पर कार्यवाई नही करता है और इस मामले की लीपापोती करता है तो आने वाले समय मे हम यह आंदोलन और तेज करेंगे.