रविंदर चौबे का BJP शासन काल पर निशाना कहा – ‘मुन्ना भाई तो सुनते रहे थे लेकिन इनके कार्यकाल में मुन्नी बाइयां भी निकलकर सामने आईं’…

http://chhattisgarhdigest.in/…. Edited by : नाहिदा कुरैशी, फरहान युनूस.

रायपुर। छत्तीसगढ़ सरकार के कृषि मंत्री रविन्द्र चौबे ने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह जो पिछले 15 साल नाकामियों के नायक रहे उनका इन दिनों लगातार धारावाहिक बयान आ रहा है। वे छत्तीसगढ़ की सरकार को वायदे याद दिला रहे हैं। प्रश्न पर प्रश्न कर रहे हैं। लगता है कि उनकी कुंभकर्णी नींद अब जाकर भंग हुई है। ये मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से पूछ रहे हैं ब्लू प्रिंट कहां है। उनके 180 महीनों के शासनकाल की तुलना में हमारा 15 महीना काफी बेहतर है। उनके 15 सालों का ब्लेक प्रिंट जरूर हमारे पास है।

मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत की.

मंत्री रविन्द्र चौबे ने आज राजीव भवन में मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि उनकी 15 सालों की कारगुजारियों के कारण ही जनता ने उनको 15 सीटों पर समेटकर रख दिया। प्रदेश की जनता आज भी उनसे ताड़मेटला कांड, झलियामारी कांड मीना खलखो रेप केस एवं अंतागढ़ टेप कांड पर जवाब चाहती है। मुन्ना भाई तो सुनते रहे थे लेकिन इनके कार्यकाल में मुन्नी बाइयां भी निकलकर सामने आईं। तब के मंत्री केदार कश्यप की पत्नी की जगह पर कोई दूसरा एक्जाम देने बैठा था। पोरा बाई जिसने हायर सेकेंडरी की परीक्षा ही नहीं दी थी टॉप पर आ गई। उनके कार्यकाल में नसबंदी कांड में 19 महिलाओं की जानें गईं। बालोद में आंखफोड़वा कांड हुआ। गर्भाशय कांड हुआ। 3 हजार किसानों ने आत्महत्या की। बेरोजगारों ने आत्महत्या की। शराब के धंधे में जमकर कमीशनखरी हुई। खुद तत्कालीन मुख्यमंत्री ने रायगढ़ में कार्यकर्ताओं की बैठक लेते हुए कहा था कि एक साल तो कमीशन खाना बंद कर दो। फिर सरकार आएगी खा लेना। उन्होंने महानदी का पानी तक बेच दिया, फिर उस समय के प्रदेश के मुखिया ने ये तक कह दिया था कि महानदी के एक बूंद पानी पर भी किसानों का हक नहीं। तब की सरकार ने जांजगीर जिले की जमीन बेच दी। इन्वेस्टर मीट आयोजित किया और पूंजीपतियों को जमीन बेची, जबकि उद्योग एक भी नहीं लगा। अभी हम टाटा का नाम सामने लाए हैं, आगे और नाम सामने लाएंगे।

चौबे ने कहा कि पिछली सरकार के समय में एक-दो छोटे जिलों में रतनजोत के पौधे लगाए गए। आलम यह था कि कागजों पर रकबा से ज्यादा प्लांटेशन दिखा दिया गया। पिछली सरकार के समय में 36 हजार करोड़ का नान घोटाला हुआ। खदान घोटाला, पनामा घोटाला, पाठ्य पुस्तक निगम घोटाला, डीकेएस भवन घोटाला, ई टेंडरिंग घोटाला एवं स्काई वॉक घोटाला भी हुआ। पुराने हेलीकॉप्टर  अगुस्ता को उन्होंने नया बताकर खरीदा था।

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