दिनेश चंद्र कुमार ( सिविल रिपोर्टर – छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट ) की रिपोर्ट
रायपुर : अंबेडकर अस्पताल के पैथालाजी लैब में मंगलवार को सफाई ठेकाकर्मी की मौत। विदित हो कि सफाई ठेकाकर्मी प्रीति जंघेल पति संजय जंघेल उम्र 40 वर्ष रामनगर गुडियारी निवासी अंबेडकर अस्पताल में ठेका सफाई कर्मी कार्यरत थी जिसकी अचानक गिरने से मौत हो गई ।

इस घटना से आहत मृतका के पति ने आरोप लगाया कि प्रीति घर से स्वस्थ स्थिति में अस्पताल काम पर गई थी फिर अचानक मौत कैसे हो सकती है यह भी आरोप लगाया कि ठेकेदार द्वारा कुछ दिनों से प्रताड़ित किया जा रहा था प्रीति कुछ दिनों से तनाव से गुजर रही थी।
छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट ने देखा कि एक ओर कोरोना के संक्रमण को रोकने में सबसे अहम भूमिका सफाई कर्मचारी निभा रहे हैं इसमें अस्पताल के सफाई कर्मी भी दिन रात एक कर जिम्मेदारियों का निर्वहन करने में जुटे हुए हैं लॉकडाउन में जब लोग घरो में है तब यह लोग शहर को साफ करने में लगे हुए हैं जो इस कोरोना की जंग में अपनी मौजूदगी की अहसास कराकर लोगों को संक्रमित होने से बचा रहा है वह है सफाईकर्मी, कोरोना की इस जंग में गंदगी को दुर करने वाले ये सफाईकर्मी योद्धा आज भी उसी ईमानदारी और जिम्मेदारी से अपने कर्तव्यों का निर्वहन कर रहे हैं । कोरोना के लॉकडाउन में सबसे बडे योद्धा सफाईकर्मी हैं, जो सुबह से ही शहर और गांव को गंदगी मुक्त करने में जुटे हुए हैं, अस्पताल परिसर को साफ सुथरा रखते हैं, अपनी जान कि परवाह किये बगैर कवारंटीन सेंटरों में पहुचकर साफ सफाई कर रहे हैं, जिस क्षेत्र में संक्रमण की पुष्टि हुई है, उस स्थान की साफ सफाई करना भी जिम्मेदारी का काम है । ये सफाई के योद्धा अपने काम को बखूबी निभा रहे हैं, उसके बावजूद ठेकेदारों के द्वारा प्रताड़ित किया जा रहा है और ठेकेदारों द्वारा सफाई कर्मचारियों को सुरक्षा उपकरण, सुरक्षा किट भी उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, ना ही सफाई कामगारो का स्वास्थ्य परिक्षण करवाया जा रहा है ।
अम्बेडकर अस्पताल में सफाई कार्य करने वाले सफाई कर्मियों का शोषण उत्पीड़न किया जा रहा है जिसकी शिकायत पूर्व में अधिकारियों से किया जा चुका है कि गई शिकायत पर किसी भी प्रकार का संज्ञान नहीं लिया जा रहा है । भारतीय सफाई कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष निलेश लंगोटे ने बताया कि सफाई कर्मियों का वेतन में भी कटौती किया जा रहा है । ठेकेदार के प्रताड़ना से सफाई कर्मी तनाव से गुजर रहे हैं, इसी का खामियाजा प्रीति पर गुजरी है ।

महासंघ अध्यक्ष ने कहा कि जल्द शासन प्रशासन दोषी ठेकेदार के खिलाफ उचित कार्रवाई नहीं करती है तो समस्त सफाई कर्मी लॉकडाउन के बाद अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जाऐगें साथ ही यह मांग की है कि मृतका के आश्रित परिवार को 50 लाख मुआवजा राशी के तौर पर दिया जाये एवं परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जाऐ, छत्तीसगढ़ डाइजेस्ट टीम ने पडताल में पाया कि सफाईकर्मियों को कई परेशानियों से जद्दोजहद करनी पड रही है उनकी सुरक्षा से संबंधित किसी प्रकार का ध्यान नहीं दिया जा रहा है ।
अब देखना यह है कि शासन – प्रशासन क्या उचित कदम उठाती है ? शासन -प्रशासन द्वारा संज्ञान नहीं लिया जाता है, तो सफाई कर्मचारी द्वारा अनिश्चित कालीन हड़ताल पर जाने से शहर ग्रामीणों में गंदगी का आलम देखने को मिलेगा, जिससे कई संक्रमित बीमारियों का सामना करना पडे़गा, शासन – प्रशासन बताये, इसका जिम्मेदार कौन ?