सूरत : लॉकडाउन के बावजूद काम लिए जाने से मजदूरों ने मंगलवार को जमकर किया हंगामा

सूरत : कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन लागू है और हर कोई अपने घरों में कैद है. अचानक लगाए गए लॉकडाउन में जो मजदूर रोजी-रोटी के लिए किसी अन्य राज्य में थे, वो वहां पर ही फंस गए. खाजोड़ में तैयार की जा रही एशिया की सबसे बड़ी डायमंड बोर्स में काम कर रहे मजदूरों ने मंगलवार को जमकर हंगामा किया. लॉकडाउन के बावजूद काम लिए जाने से मजदूरों में गुस्सा है. मजदूरों ने बोर्स के कार्यालय पर पथराव और तोड़फोड़ कर दी. मजदूरों ने आरोप लगाया कि उन्हें खाना नहीं मिल पा रहा है. मजदूरों ने कहा कि उन्हें घर भेज दिया जाए. यहां पर करीब 4 हजार मजदूर काम कर रहे हैं.

डायमंड बोर्स में काम कर रहे मजदूरों ने मंगलवार को जमकर हंगामा किया

सूरत में डायमंड बोर्स दफ्तर के बाहर मजदूरों ने मंगलवार को प्रद’र्शन किया और पत्थ’रबाजी भी की. जिसके बाद पु’लिस मौके पर पहुंची और हालात को संभाला. मजदूरों की मांग है कि उन्हें तुरंत उनके गांव भेजा जाए. वहां मौजूद हजारों मजदूरों ने गांव वापिस भेजने की मांग को लेकर ऑफिस पर भी पथ’राव किया. पुलिस ने मौके पर पहुंच कर उन्हें समझाया. गौरतलब है कि ये पहली बार नहीं है जब किसी शहर में मजदूरों के द्वारा प्रद’र्शन किया गया हो और घर वापस भेजने की मांग की गई हो.

इससे पहले सूरत में ही बड़ी संख्या में मजदूर सड़कों पर उतर आए थे और पुलिस के साथ उनकी झड़प हुई थी. वहीं, महाराष्ट्र के मुंबई में भी इस तरह का नजारा सामने आ चुका है जहां बड़ी संख्या में मजदूर बांद्रा रेलवे स्टेशन पर पहुंच गए थे. 24 मार्च को जब देश में लॉकडाउन लागू हुआ था, तब लाखों की संख्या में मजदूर काम करने वाली जगह पर फंस गए थे. तब बड़ी संख्या में मजदूरों को सड़कों पर देखा गया, दिल्ली-हरियाणा-यूपी बॉर्डर पर तो हजारों मजदूर पैदल ही अपने गृहराज्यों को चल दिए. जिसके बाद सरकार ने बसों की व्यवस्था करवाई.

बता दें कि लॉक डाउन में कई राज्य सरकारों की ओर से अपील की गई है कि केंद्र को मजदूरों की वापसी के लिए एक नीति बनानी चाहिए, ताकि सभी राज्य अपने-अपने मजदूरों को वापस बुला सकें. इसके बीच कई राज्यों ने अपने राज्यों के बच्चों या मजदूरों को दूसरे राज्य की पहल शुरू भी की है.

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