रायपुर. पहली बार बप्पा का पूजा उत्सव कोरोना के साये में मनने जा रहा है। भादो शुक्लपक्ष की चतुर्थी तिथि शनिवार को है, लेकिन गणपति बप्पा को बिना बाजे-गाजे से उत्सव समितियां लाने लगी हैं। शहर के जिन स्थानों पर गणेशोत्सव की धूम हुआ करती थी, वहां केवल छोटे गणेश की पूजा-अर्चना की रस्में होंगी, ताकि कई वर्षों से चली आ रही पूजा उत्सव की परंपरा बनी रही।
कोरोना के खतरे के कारण उत्सव पर कई तरह की पाबंदियां जिला प्रशासन ने लगाया हुआ है। इसलिए गणेश चतुर्थी तिथि पर शनिवार को सुबह से घर-घर मंगल मूर्ति विराज कर श्रद्धालु पूजा-अर्चना में लीन होंगे। इस बार अनंत चतुर्दशी तक सादगी के साथ ही गणेश उत्सव मनेगा। बाजारों में दुकानों के सामने भगवान लंबोदर की मनमोहक बाल रूप मूर्तियों का स्टॉल लगा, जहां अपनी-अपनी पंसद से मूर्तियां खरीदने के लिए लोग पहुंचते रहे।
4 फीट तक की प्रतिमा रखी जाएगी
बड़ी गणेश उत्सव समितियों ने तो केवल 3 से 4 फीट ऊंचाई की छोटी प्रतिमाएं रखकर पूजा की रस्में पूरी करना तय किया है। उसी तरह बिना बाजे-गाजे से अनंत चतुर्दशी तिथि पर विसर्जन भी करेंगे।