जम्मू-कश्मीर 4 आतंकवादी मारे गए ,16 युवक मुख्यधारा से जुड़े

नई दिल्ली। जम्मू कश्मीर सुरक्षाबलों की आतंकियों के खिलाफ जंग है। राज्य के पुलिस महानिदेशक ने गुरुवार को जानकारी देते हुए बताया कि सुरक्षाबलों के साथ एक संयुक्त अभियान में हाल ही में चार शीर्ष आतंकवादी कमांडर मारे गए हैं। इसके साथ ही 16 युवाओं ने आतंक का रास्ता छोड़कर घर वापसी कर ली है। ये लोग आतंक की दुनिया को छोड़कर अपने परिवारों के पास लौट आए हैं। दरअसल, जम्मू—कश्मीर के डीजीपी दिलबाग सिंह उत्तरी कश्मीर के कुपवाड़ा जिले में मीडिया को संबोधित कर रहे थे। इस दौरान उन्होंने कहा कि पिछले कुछ दिनों एनकाउंटर के दौरान सुरक्षा बलों को बड़ी सफलता मिली है। इससे स्थानीय लोगों के जीवन में राहत मिलेगी।

आतंकी नसीर को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी
डीजीपी दिलबाग सिंह ने कहा कि क्रेरी (बारामूला) में लश्कर के शीर्ष कमांडर सजाद हैदर और उसके पाकिस्तानी साथी उस्मान को मंगलवार को हंदवाड़ा में मार गिराया गया। जबकि इसके साथ ही एक अन्य स्थानीय आतंकवादी नसीर के साथ मार गिराया गया। दिलबाग सिंह ने बताया कि एनकाउंटर में मारे गए आतंकी नसीर को पाकिस्तान में ट्रेनिंग दी गई थी। वह एक खतरनाक आतंकवादी था। नसीर कुछ सुरक्षा कर्मियों की हत्याओं में शामिल था। इसके साथ ही इसमें सीआरपीएफ के कुछ अधिकारी भी शामिल थे। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि पिछले चार दिनों के अंदर पूरे कश्मीर में तीन एनकाउंटर हुए। इन एनकाउंटर में ‘ए’ और ‘ए प्लस’ श्रेणी के चार आतंकवादियों को मार गिराया गया है। चारों आतंकवादी कमांडर थे। ये चारों पूरे कश्मीर में शीर्ष 10 से 20 आतंकवादियों की सूची में थे।

16 युवाओं को आतंक के रास्ते से वापस ले आए
जम्मू-कश्मीर डीजीपी ने कहा कि शीर्ष कमांडर सज्जाद हैदर का काम स्थानीय युवाओं का ब्रेनवॉश कर उनको आतंक के रास्ते पर लाने का था। उसने बड़ी संख्या में नव युवकों को आतंकवाद के लिए भर्ती किया था। उन्होंने बताया कि पिछले कुछ दिनों में सुरक्षा बलों ने कुछ युवाओं को हिरासत में लिया था। गिरफ्तार किए गए युवक आतंकवादी गतिविधियों में शामिल होने के रास्ते पर थे। हाल की मुठभेड़ों में मारे गए आतंकी इन युवाओं को भर्ती करने में शामिल थे। उन्होंने जानकारी देते हुए बताया कि इस साल हम 16 युवाओं को आतंक के रास्ते से वापस ले आए हैं।

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