Friday, April 19, 2024

लद्दाख : भारत-चीन के बीच लगातार तीसरे दिन मेजर-जनरल स्तर की बातचीत, भारतीय सेना के 10 जवानों को रिहा किया गया – रिपोर्ट….

नई दिल्ली : भारतीय सेना (Indian Army) ने कहा है कि पूर्वी लद्दाख की गालवान घाटी (Galwan Valley) में सोमवार और मंगलवार की दरमियानी रात चीनी सेना के साथ हिंसक संघर्ष में शामिल कोई भी भारतीय सैनिक लापता नहीं है. सेना की ओर से गुरुवार शाम को यह बात कही गई. इस बीच मामले से संबंधित लोगों के मुताबिक, तीन दिनों की वार्ता के बाद चीनी सेना द्वारा दो मेजर सहित दस भारतीय सेना के जवानों को रिहा किया गया है. वैसे आधिकारिक तौर पर इस बारे में कोई बात नहीं कही गई है. सेना ने कोई विवरण दिए बिना संक्षिप्त बयान में कहा था, “यह स्पष्ट किया जाता है कि कार्रवाई में कोई भारतीय सैनिक लापता नहीं है. “गालवान घाटी के हिंसक संघर्ष में भारत के 20 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि खबरों के मुताबिक चीन के करीब 45 सैनिकों की मौत हुई है.

गालवान घाटी के हिंसक संघर्ष में भारत के 20 जवानों को जान गंवानी पड़ी थी. जिसमें एक छत्तीसगढ़ के जवान गणेश कुंजाम भी शहीद हुए.

पिछली बार जुलाई 1962 में गालवान घाटी में संघर्ष के बाद चीनी सेना ने भारतीय सैनिकों को बंदी बना लिया था. उस समय भीषण संघर्ष के बाद कम से कम 30 भारतीय सैनिक मारे गए और कई दर्जनों को चीनी सेना द्वारा पकड़ लिया गया था. सैन्य सूत्रों ने कहा कि चीनी सेना द्वारा सोमवार को कुल 76 सेना के जवानों के साथ बर्बरतापूर्वक हमला किया गया, जिसमें से 18 गंभीर रूप से घायल हो गए जबकि 58 घायल को मामूली रूप से चोटें आईं. उन्होंने कहा कि लेह के एक अस्पताल में 18 कर्मियों का इलाज चल रहा है जबकि 58 अन्य विभिन्न अस्पतालों में भर्ती हैं.

भारतीय और चीनी पक्ष के बीच गुरुवार को लगातार तीसरे दिन मेजर जनरल-स्तर की बातचीत हुई जिसमें सैनिकों को हटाने के साथ-साथ गालवान घाटी के आसपास के क्षेत्रों में सामान्य स्थिति बहाल करने पर बातचीत हुई. नाथू ला में 1967 के संघर्ष के बाद गालवान घाटी के संघर्ष को दोनों देशों के सैनिकों के बीच सबसे बड़ा टकराव है, उस समय भारत के करीब 80 सैनिकों को जान गंवानी पड़ी थी जबकि चीन की तरफ से मृतकों की संख्या 300 से अधिक थी.

Related Articles

Stay Connected

22,042FansLike
3,909FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles