Thursday, March 28, 2024

सुप्रीम कोर्ट -6 जून के बाद से विदेश से भारतीयों को लाने वाली फ्लाइटों में बीच की सीटें खाली रहनी चाहिए

नई दिल्ली : अंतरराष्ट्रीय उडानों में विमानों की बीच की सीट खाली रखने का मामला में सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई. शीर्ष न्यायालय ने कहा कि विदेश में फंसे भारतीयों को वापस लाने के लिए चलाई गई एयर इंडिया की फ्लाइटों में बीच की सीट खाली होना जरूरी है. सुप्रीम कोर्ट ने अगले दस दिनों तक विमानों के बीच की सीट की बुकिंग की इजाजत दी है. कोर्ट ने केंद्र सरकार और एयर इंडिया को कहा कि इसके बाद अंतरराष्ट्रीय उडानों में बीच की सीट पर यात्रा को इजाजत नहीं दी जाएगी.

फाइल फोटो

 न्यायालय ने केंद्र और एयर इंडिया पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि उन्हें लोगों की चिंता करनी चाहिए. मध्य सीट को खाली नहीं रखने का सर्कुलर परेशान करने वाला है. यह आदेश गैर अधिसूचित अंतरराष्ट्रीय विमान सेवा के लिए है. भारत सरकार ‘वंदे भारत मिशन’ के तहत  दूसरे देशों में फंसे भारतीय नागरिकों को वापस ला रही है.पहले चरण के तहत, ब्रिटेन से 2,000 से ज्यादा लोगों को लाया गया है. 

सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि 6 जून तक ही मध्य सीटों पर यात्रा की इजाजत होगी. कोर्ट ने बॉम्बे हाईकोर्ट से कहा है कि कोरोना के चलते यात्रियों के स्वास्थ्य को देखते हुए हाईकोर्ट का पहली नजर में गैर-अधिसूचित या अधिसूचित उडानों को लेकर किसी नतीजे पर पहुंचना जरूरी है.

सुप्रीम कोर्ट ने मामले को फिर से बॉम्बे हाईकोर्ट को भेजा और कहा कि वो सभी पक्षों को सुनकर इस मामले में जनहित को ध्यान में रखकर जल्द फैसला करे कि पहली नजर में वायरस को फैलने से रोकने के लिए क्या कदम उठाए जाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि याचिका के लंबित रहने के दौरान DGCA और एयर इंडिया नियमों में उचित बदलाव कर सकते हैं. 

केंद्र के विरोध करने पर न्यायालय ने कहा कि कोर्ट लोगों के स्वास्थ्य की चिंता कर रहा है तो सरकार को आपत्ति क्यों हैं ? CJI एस ए बोबडे ने कहा कि सरकार को नागरिकों की चिंता करनी चाहिए ना कि एयरलाइन की. कंधे से कंधा मिलाकर यात्रा करना खतरनाक है. वायरस को नहीं पता कि वो विमान में है और उसे नहीं फैलना चाहिए. जब बाहर 6 फीट की सामाजिक दूरी का नियम है तो विमान के अंदर क्यों नहीं. 

केंद्र और एयर इंडिया की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कोर्ट में कहा कि सर्कुलर लॉकडाउन से पहले का था और ये सिर्फ घरेलू उडानों के लिए था. एक्सपर्ट कमेटी ने रिपोर्ट दी है कि अंतरराष्ट्रीय उडानों में बीच की सीट खाली रखने की जरूरत नहीं है. क्योंकि विमान में हवा सरकुलेट होती है. टेस्टिंग और क्वारंटाइन ही सही कदम है. इसके तहत सात दिन संस्थानिक क्वारंटाइन और सात दिन होम क्वारंटीन में रखे जाने का नियम है. उन्होंने कहा कि विदेशों में फंसे परिवार परेशान हैं और चिंतित भी हैं. सरकार के पास इतने विमान नहीं हैं. 16 जून तक बीच की सीटों पर बुकिंग की गई है.

सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश एस ए बोबडे, जस्टिस ए एस बोपन्ना और जस्टिस ह्रषिकेश रॉय की पीठ ने इस पर सुनवाई की. ईद की छुट्टी होने को बावजूद सुप्रीम कोर्ट में विशेष सुनवाई हुई. केंद्र और एयर इंडिया की याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने सुनवाई की. दरअसल, यह याचिका बॉम्बे हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ लगाई गई थी, जिसमें कोराना वायरस के कारण वंदे भारत मिशन के तहत अंतरराष्ट्रीय उडानों के दौरान विमान में बीच की सीट खाली रखने की बात कही गई थी.  

बॉम्बे हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को अंतरराष्ट्रीय उड़ानों में बीच की सीटें खाली रखने का निर्देश दिया था. इसके अलावा हाईकोर्ट ने एयर इंडिया को डायरेक्टर ऑफ जनरल सिविल एविएशन के ‘सोशल डिस्टेंसिंग’ सर्कुलेशन का पालन करने के लिए भी कहा था, जिसके लिए बीच की सीटों को इंटरनेशनल फ्लाइट्स पर खाली रखने की जरूरत थी. 

Related Articles

Stay Connected

22,042FansLike
3,909FollowersFollow
0SubscribersSubscribe

Latest Articles