‘245 करोड़ का विधानसभा भवन क्यों?’ नए की क्या आवश्यकता, यदि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए फंड नही है – कोमल हुपेंडी

245 करोड़ का विधानसभा भवन क्यों? विधान सभा है तो नए की आज क्या आवश्यकता है यदि प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत गरीबों के लिए फंड नही है – कोमल हुपेंडी, प्रदेश अध्यक्ष ,आप।

सरकारी कर्मचारियों के भत्ता और अन्य सुविधा देने के लिए पैसे नहीं है और ना ही गरीब के आवास के लिए मगर भूपेश सरकार के पास विधायकों के भत्ते और नए विधानसभा भवन बनाने के लिए बहुत फंड है !! – आप

कोमल हुपेंडी ने आज अक्रोशित हो कर कहा की 245 करोड़ का नया विधानसभा क्यों चाहिए जब गरीबों के लिए फंड नही है । केंद्र सरकार को प्रदेश सरकार ने गरीबी के हक के 7.82 लाख घरों के आवंटित लक्ष्य को वापस लेने दिया क्योंकि प्रदेश सरकार के पास 562 करोड़ का फंड नही है वही अब 245करोड़ के फिजूल खर्च करने की ऐसी क्या आवश्यकता है जब पुराना विधान सभा भवन अभी पूरी तरह कार्यशील है। गरीब की सुध लेने की आवश्यकता नहीं है क्या उनको आशियाना देना जरूरी नहीं है लेकिन कांग्रेस की गैर जिम्मेदाराना भूपेश सरकार के पास न सरकारी कर्मचारियों के भत्ता और अन्य सुविधा देने के लिए पैसे है और ना ही गरीब के आशियाने के लिए पैसे है। भूपेश सरकार के पास विधायकों के भत्ते और नए विधानसभा भवन बनाने के लिए पैसे है। वाह रे भूपेश कका , इतना ही नहीं इसके साथ ही केंद्र सरकार ने कांग्रेस के नेतृत्व वाली छत्तीसगढ़ सरकार को आगाह किया है कि अगर ग्रामीण आवास योजना को सही तरीके से लागू करने में विफल रहता है तो केंद्रीय ग्रामीण विकास मंत्रालय अपनी अन्य प्रमुख योजनाओं के समर्थन पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर होगा। प्रधानमंत्री आवास योजना-ग्रामीण (पीएमएवाई – जी) को 1 अप्रैल 2016 से लागू किया गया है, जिसका उद्देश्य मार्च 2024 तक सभी के लिए आवास प्रदान करना है। छत्तीसगढ़ सरकार को लिखे पत्र में केंद्र के ग्रामीण विकास विभाग ने उल्लेख किया है कि इस संबंध में कई पत्रों और बैठकों के बावजूद राज्य सरकार ने संतोषजनक प्रगति नहीं दिखाई है। ये है कांग्रेस की भूपेश सरकार का असली चेहरा जो आज गरीबों के लिए सेवा वाली सरकार का ढोंग कर रही है और छत्तीसगढ़ी परंपरा में त्योहार आदि मनाकर दिखावा कर जनता को छल रही है और अपना भत्ता अपना विधान सभा भवन आदि विलासिता स्वरूप गड़ने में लगी है।

कोमल हुपेंडी ने सीधा सवाल किया किया की भूपेश बघेल बताए की उन्होंने
राज्य के हिस्से के 562 करोड़ रुपए अब तक क्यों नही रिलीज किए ? क्या इमरजेंसी है की 90विधायकों वाले विधानसभा भवन की जगह नए भवन की आवश्यकता है।
गरीब जनता को छल ने वाली भूपेश सरकार के भ्रष्टाचार में मस्त रहने के दौरान छत्तीसगढ़ ने 2020-21 में संबंधित राज्य के हिस्से को जारी नहीं करने के कारण आवंटित 6.48 लाख घरों के लक्ष्य में से अधिकांश को वापस लेना पड़ा और अब ईडी के विरोध धरना और घेराव में व्यस्त सरकार की जनता को भूल ने के कारण 2021-22 में ग्रामीण विकास मंत्रालय को लगभग 7.82 लाख घरों के आवंटित लक्ष्य को वापस लेने के लिए मजबूर होना पड़ा है। ऐसा राज्य के हिस्से का 562 करोड़ रुपये जारी करने में असमर्थता के कारण हुआ है।

कोमल हुपेंडी ने कहा कि यह बहुत ही शर्मनाक स्थिति है कि बहुत सी जगह गांव में गरीब छत के लिए तरस गए है और ये सरकार है की भ्रष्टाचार,अपना विधायक भत्ता और नया विधान सभा बनवाना जैसे कार्यों में मस्त है।
जनता को सड़क पर आकर बताना होगा सरकार जनता की सेवक है त्यौहार जनता ने मनाना चाहिए सरकार ने नही । प्रदेश में भाजपा और कांग्रेस चेहरा चमकाने की राजनीति करने अब हर त्यौहार सरकारी तौर पर मनाने लग गई है और पूरा सरकारी तंत्र इनके इंतजामात में लगा रहता है। आम आदमी पार्टी गरीब जनता के अधिकार के लिए अब प्रदेश की भोली भाली जनता को भी जगरूक करेगी और इस सरकार को इनके कर्तव्य और कार्य से अवगत करवाएगी । बदलबाे छत्तीसगढ़।