Reported by : दिनेशचंद्र कुमार (रायपुर)…
रायपुर : छतीसगढ़ मे कोरोना संक्रमण बेकाबू होता जा रहा है. अस्पतालो मे मरीजों को बेड की कमी और ऑक्सीजन की किल्लत से जूझना पड़ रहा है. हर दिन कोरोना संक्रमण से लोग अपनी जान गवा रहे हैं. राजधानी रायपुर के कई शमशान घाटो मे अक्सर खामियां पाई जाती रही हैं. कोरोना काल की वजह से लोग अपनी जान गवा रहे है, वहीं शमशान घाटों मे बडी संख्या में चिताएं जलती दिखाई दे रहीं है.
कोरोना संक्रमित मरीजों की मृत्यु होने के पश्चात स्वास्थ्य विभाग, नगर-निगम द्वारा मृत मरीज को दाहसंस्कार के लिए शवदाह गृह लाये जाने पर, एवं दाह संस्कार पर किट का उपयोग किया जाता हैं, जिससे संक्रमण वायरस से बचाव किया जा सके. वहीँ एक ही शमशान घाट में 5 से अधिक दाह संस्कार हो रहे है जिससे ज्यादा संक्रमण प्रसार का खतरा बना हुआ है.

शमशान घाटों में दाह संस्कार पर हो रही लापरवाही प्रशासन को नजर नही आ रही है, या फिर प्रशासन देख कर भी इस ओर अनदेखा कर रहा है. लापरवाही के चलते कोरोना मरीजों के मृत्यु पश्चात शमशान घाटों मे कि जानी वाली दाहसंस्कार के समय उपयोग में लाये जाने वाली किट अव्यवस्था हालत में देखे जा सकते हैं.
बता दें कि नियमता सक्रमित मृत शव दाहसंस्कार पश्चात उपयोग की गई किट को पुरी तरह से नष्ट कर दिया जाना चाहिए, पर जवाबदार अपनी जवाबदेही से पीछे हटते नजर आ रहे हैं. शमशान घाट के समीप उपयोग की गई किट फेंक दिया जा रहा है. जिससे आसानी से संक्रमण प्रसार होने की पुरी संभावना रहती हैं.
राजधानी के धरसींवा ब्लॉक में उरकुरा से मॉढर जाने वाली एक मात्र आम रास्ते पर टेकारी गॉव समीप शमशान घाट है. बता दें मॉढर, विधानसभा, परसुलिडिह गॉव के लोगों का व आमजनों का आवागमन रहता है. टेकारी गॉव समीप शमशान घाट में दाह संस्कार के समय उपयोग की गई किट को पूर्ण रूप से नष्ट न करके, फेंक दिया जा रहा है. जहाँ राजधानी के शमशान घाटो मे कई कमियां पाई जा रही है, वहीँ मोवा-सढढू स्थित दलदल सिवनी शमशान घाट मे भी कई खामियां दिख रही है. यहां के शमशान घाट मे बॉड्रीवाल की ऊंचाई कम होने पर जलती चिताओं को देखा सकता है. जिससे रहवासियों, बच्चों, महिलाओं में दहशत के माहोल बना हुआ है.
शमशान घाट मे बॉड्रीवाल ना होने कि स्थिति मे संक्रमित मृतक का दाहसंस्कार किये जाने व उपयोग की जाने वाली किट को लापरवाही द्वारा फेके जाने पर संक्रमण का खतरा बढ़ रहा है. प्रशासन द्वारा शमशान घाटों मे हो रही इस तरह की लापरवाही को सख्ती से बंद करवाना चाहिए, व आम रास्ता आवागमन को संज्ञान में लेते हुए उक्त शमशान घाटों को अन्य जगह पर स्थानांतरित कर इस बढ़ते खतरें को रोकना चाहिए.