कपिल सिब्बल ने छोड़ा कांग्रेस का साथ , राज्यसभा उम्मीदवारी को समाजवादी पार्टी ने दिया समर्थन

उत्तर प्रदेश राज्य सभा चुनाव 2022: उत्तर प्रदेश में राज्यसभा चुनाव के लिए विपक्षी दल समाजवादी पार्टी की ओर से अलग ही रणनीति तैयार की जा रही है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या बढ़ी है तो राज्यसभा में पार्टी की ओर से अधिक सदस्यों को भेजने में पार्टी कामयाब होगी। ऐसे में माना जा रहा है कि अखिलेश यादव पार्टी की अंदरूनी राजनीति को खत्म करने का प्रयास यहां कर सकते हैं।


उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में राज्यसभा चुनाव 2022 (उत्तर प्रदेश राज्य सभा चुनाव 2022:) की गहमागहमी तेज हो गई है। खासतौर से समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) से इस बार राज्यसभा में तीन नेताओं को भेजा जाना है। पार्टी सीनियर कांग्रेसी नेता कपिल सिब्बल (Kapil Sibbal) को यूपी से राज्यसभा में भेज रही है। इससे पार्टी को राज्यसभा में एक बुलंद आवाज मिल जाएगी। साथ ही, पार्टी के भीतर चल रही अंदरूनी राजनीति को भी खत्म करने में कामयाबी मिलेगी। समाजवादी पार्टी इस समय आजम खान (Azam Khan) और शिवपाल यादव (Shivpal Yadav) के बगावती तेवर से परेशान है। अखिलेश यादव को शिवपाल यादव से अधिक खतरा नहीं दिख रहा, लेकिन आजम खान को वे छोड़ना नहीं चाह रहे हैं। ऐसे में उन्हें मनाने में कपिल सिब्बल बड़ी भूमिका निभा सकते हैं। अखिलेश की योजना कपिल सिब्बल के माध्यम से आजम को मनाने के साथ-साथ कांग्रेस के एक बड़े चेहरे को साथ जोड़कर पार्टी को बड़ा झटका देने की भी है। कपिल सिब्बल ने बुधवार को लखनऊ पहुंचकर राज्‍यसभा के लिए नामांकन कर दिया है। मीडिया से बातचीत में सिब्‍बल ने बताया कि उन्‍होंने 16 मई को ही कांग्रेस से इस्‍तीफा दे दिया था।
अखिलेश यादव राज्यसभा चुनाव को पार्टी की अंदरूनी राजनीति को खत्म करने का जरिया बनाने का प्रयास करते दिख रहे हैं। आजम खान 27 माह बाद सीतापुर जेल से बाहर निकले हैं। कोर्ट में उनकी पैरवी पूर्व केंद्रीय मंत्री और मशहूर वकील कपिल सिब्बल ने की है। दावा किया जा रहा है कि आजम खान की पैरवी के लिए समाजवादी पार्टी की ओर से कपिल सिब्बल को तैयार किया गया। ऐसे में कपिल सिब्बल को पार्टी की ओर से आजम खान को मनाने की जिम्मेदारी दी जा सकती है। अगर वे इसमें कामयाब होते हैं तो उन्हें बतौर ईनाम राज्यसभा भेजा जाएगा। आज खान ने भी इस मामले में पिछले दिनों बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कपिल सिब्बल को राज्यसभा की उम्मीदवारी के काबिल बताया।
राज्यसभा की 11 सीटों पर इस बार चुनाव होना है। विधानसभा में सदस्यों की संख्या के आधार पर देखा जाए तो इन 11 सीटों में से भाजपा 7 और समाजवादी पार्टी 3 सीटों पर जीत दर्ज कर सकती है। समाजवादी पार्टी हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट में अपने नेताओं के मामलों में कपिल सिब्बल की सेवाएं लेती है। आजम खान से जब कपिल सिब्बल को समाजवादी पार्टी से राज्यसभा भेजने पर सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि यह अच्छी बात है। वे इसके लायक हैं। अगर कपिल सिब्बल राज्यसभा भेजे जाते हैं तो सबसे अधिक अगर किसी को खुशी होगी तो वह मुझे होगी।
कपिल सिब्बल को 2016 में कांग्रेस ने राज्यसभा भेजा था। वहीं, संभल के जावेद अली खान को राज्यसभा भेजने पर भी पार्टी में सहमति बन गई है। जावेद 2014 से 2020 तक राज्यसभा सदस्य रह चुके हैं। उन्हें मुलायम सिंह यादव और राम गोपाल यादव का करीबी माना जाता है। 11 में से 8 सीटों पर भाजपा के आसानी से जीत दर्ज करने की उम्मीद है। ऐसे में कपिल सिब्बल के जरिए अखिलेश बड़ा राजनीतिक खेल करते दिख रहे हैं। अखिलेश इसके जरिए 2024 के लोकसभा चुनाव में भी कांग्रेस के वोट बैंक को यह संदेश देने की कोशिश करते दिखेंगे कि जिस बड़े चेहरे को उनके नेताओं ने तरजीह नहीं दी, उसे सपा ने सम्मान दिया। यह कांग्रेस के वोट बैंक पर सपा की नजर के रूप में भी देखा जा रहा है।