Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
मुंबई / मॉनसून में अच्छी बारिश होने के बावजूद मुंबई को पानी की सप्लाई करने वाली तुलसी, तानसा, विहार, भातसा, मोडक सागर, अपर वैतरणा और मध्य वैतरणा झीलों में सिर्फ 28.73 प्रतिशत पानी का स्टॉक जमा है। हालांकि सीजन की 60 प्रतिशत बारिश हो चुकी है। ये सभी झीलें ठाणे और पालघर जिलों में हैं। झील क्षेत्रों में कम बारिश होने के कारण इनमें उम्मीद से काफी कम पानी जमा हो सका है। आनेवाले दिनों में यदि झील क्षेत्रों में अच्छी बारिश नहीं हुई, तो मुंबईकरों को पानी की कटौती का सामना करना पड़ सकता है। बीएमसी अगले सप्ताह झीलों में पानी के स्टॉक और पानी आपूर्ति पर समीक्षा बैठक करेगी। बीएमसी के मुताबिक, झीलों में मौजूदा स्टॉक से मुंबई को 110 से 115 दिनों तक जल आपूर्ति की जा सकती है। मॉनसून के अभी दो महीने बाकी हैं।

साल दर साल घटता गया स्टॉक
2018 : 78 प्रतिशत
2019 : 53 प्रतिशत
2020 : 28 प्रतिशत
बीएमसी हाइड्रोलिक डिपार्टमेंट के चीफ इंजिनियर अजय राठौड़ ने बताया, ‘हमें उम्मीद है कि अच्छी बारिश होने से झीलों का जलस्तर बढ़ेगा और हमें पानी कटौती का निर्णय नहीं लेना पड़ेगा। अगले सप्ताह बैठक में आगे की रणनीति पर विचार किया जाएगा।’
55% सप्लाई भातसा डैम से
बीएमसी के एक अधिकारी ने बताया, ‘मुंबई को 55 प्रतिशत जल आपूर्ति भातसा डैम से होती है। इसमें अब सिर्फ 32.25 प्रतिशत पानी का स्टॉक जमा है। पिछले साल इस समय इस डैम में 48.60 प्रतिशत पानी का स्टॉक था। भातसा से ज्यादातर आपूर्ति मुंबई के पूर्वी उपनगर को होती है, जबकि दोनों वैतरणा से पश्चिमी उपनगर और सिटी को पानी मिलता है।’
पेयजल की खपत बढ़ी
मुंबई में कोरोना वायरस के कारण बड़े पैमाने पर कारखाने, कंपनियां, प्राइवेट कार्यालय, स्कूल, कॉलेज और होटल बंद थे। इससे व्यावसायिक जल आपूर्ति में बचत हुई, जबकि पीने के पानी की खपत बढ़ी।