Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
Reported by : सलीम कुरैशी (पालघर)…
पालघर/बोईसर : मजदूरों के अन्याय पर चुप्पी तोड़ने के लिए, कम्युनिस्ट पार्टी का रास्ता रोको आंदोलन
पालघर : कोरोना वायरस के प्रकोप के बाद, महाराष्ट्र सहित अन्य जिलों के साथ पालघर जिले को भी ढाई महीने के लिए बंद कर दिया गया था, लेकिन बोईसर तारापुर के पास कुछ कारखाने अभी भी बिना अनुमति के चल रहे थे। कुछ स्थानीय लोगों के द्वारा सरकार और प्रशासन को मामला संज्ञान में लाया गया था, लेकिन वास्तव में कानून का पालन किसने किया ?
प्रशासनिक तौर पर मजदूरों के संक्रमण विस्तार इस मामलें में अभी तक कोई कार्रवाई ठोस रूप में नही की गई है जिससे, कम्युनिस्ट पार्टी द्वारा बोईसर हाइवे पर ‘रास्ता रोको आंदोलन’ शुरू कर प्रशासन अधिकारीयों को चेतावनी दी है कि जब तक फैक्ट्री प्रबंधन पर कार्रवाई नहीं होती है तब तक आंदोलन वापस नहीं लिया जाएगा।
“एक अलग कानून बन जाता हैं”- कम्युनिस्ट पार्टी
कम्युनिस्ट पार्टी का आरोप है कि साधारण नागरिकों को केंद्र सरकार और राज्य सरकार द्वारा जारी नियमों का पालन आवश्यक रूप से करना है, जहाँ प्रशासन आम जनता को आवश्यकताओं और महत्वपूर्ण कार्यों के लिए अन्य जिलों में आने-जाने के लिए कई नियम हैं। वहीँ इन विभिन्न कारखाने प्रबंधक, अधिकारी और कर्मचारी के लिए कानून लागू क्यूँ नहीं होता है ? क्या इनके लिए अलग कानून बन जाता है ? क्या कारण है कि सरकार और प्रशासन इसे नजरअंदाज कर रहे हैं? जो केंद्र सरकार और राज्य सरकार लोकतांत्रिक आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है।
फैक्ट्री के कारण कोरोना की संख्या तेजी से बढ़ रही है. कंपनी प्रबंधन अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए जो स्थानीय लोगों के जीवन के साथ खिलवाड़ कर रहा है। मालिक अधिकारी और श्रमिक वर्ग को कंपनी में होना चाहिए। अन्यथा, अपने घर से काम करें और सरकारी प्रशासन और स्थानीय लोगों के साथ सहयोग करें।
उचित जाँच का आश्वासन : जिलाधिकारी
वहीँ हाइवे में आंदोलन सुचना पर वहाँ के जिलाधिकारी ने पार्टी के उक्त मांगों को सुन उचित जाँच का आश्वासन देकर इन्हें आश्वस्त किया है. और कहा है कि मामलें में प्रशासनिक जाँच कर जल्द ही दोषियों के खिलाफ सख्त कार्यवाही की जायेगी.
आंदोलन में सीपीएम पालघर जिला सचिव कामरेड बरकू मगट, दहानु विधायक कामरेड विनोद निकोल, (सिटू) हर्षल लोखंडे, छावण मराठा योद्धा – नीलेश विचारे, मेनुद्दीन खान, जॉन, सचिन सावरा यशवंत ठाकरे, नामदेव गोवारी, सतीश पाटिल, मोहन पिल्ले, शिवप्रसाद शर्मा, विक्की, दिनेश कार्यकर्ता और अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे।