गलवान झड़प पर बोले चीनी राजदूत- दुर्भाग्यपूर्ण घटना थी, मामला संभालने की कर रहे हैं कोशिशें

Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.

नई दिल्ली: जून के महीने में पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में भारतीय और चीनी सेना के बीच हुई हिंसक झड़प को भारत में चीनी राजदूत सुन वेईडोंग ने दुर्भाग्यपूर्ण घटना बताया है. इस झड़प में 20 भारतीय जवानों ने अपनी जान गंवा दी थी.

चीनी राजदूत ने कहा कि ‘यह घटना इतिहास के नज़रिये से यह घटना बहुत अहम नहीं होगी’. वेइंडोंग ने चीन-भारत युवा वेबिनार के दौरान अपने संबोधन में कहा, ‘कुछ समय पहले ही सीमा पर एक दुर्भाग्यपूर्ण घटना हुई, ऐसे जो भारत और चीन दोनों ही नहीं देखना चाहेंगे. अब हम इसे संभालने की कोशिशें कर रहे हैं.’

सुन वेइंडोंग ने कहा, ‘चीन और भारत के बीच 70 साल पहले कूटनीतिक संबंधों की स्थापना के साथ ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों की परीक्षा हुई है, जिससे वो और मजबूत हुए हैं. यह किसी भी वक्त किसी एक चीज से खराब नहीं होनी चाहिए. इस नई सदी में भी दोनों देशों के संबंध पीछे जाने की बजाय आगे ही बढ़ते रहने चाहिए.’

उन्होंने कहा कि वो मानते हैं कि विश्व की इन दोनों प्रचीन सभ्यताओं के पास द्विपक्षीय संबंधों को संभालने के लिए ज्ञान और क्षमता है. उन्होंने कहा, ‘चीन भारत को एक दुश्मन के बजाय सहयोगी और खतरे के बजाय अवसर के तौर पर देखता है. हम उम्मीद करते हैं कि द्विपक्षीय संबंधों में सीमा के सवालों को उचित जगह मिलेगी, मतभेदों को बातचीत और विमर्श के जरिए सुलझाया जाएगा और जितनी जल्दी हो सके दोनों देशों के संबंधों को वापस पटरी पर लाया जाएगा.’ उन्होने कहा कि ‘भारत और चीन को शांति से रहना चाहिए और संघर्षों से बचना चाहिए.’

चीनी राजदूत ने कहा कि ‘कोई भी देश पूरी दुनिया से अलग-थलग होकर अपना विकास अकेले नहीं कर सकता है. हमें बस अपनी आत्म-निर्भरता पर काम नहीं करना चाहिए, बल्कि वैश्वीकरण में शामिल होने के लिए दूसरों के लिए भी दरवाजे खोलने होंगे. बस इसी तरह हम अपना बेहतर विकास कर सकते हैं.’

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