(Video) महाराष्ट्र/ पेयजल आपूर्ति कार्पोरेट से सवाल पूछने पर पत्रकार को मिली धमकी, प्रशासन क्यूँ मौन ?

महाराष्ट्र/पालघर : पेयजल आपूर्ति कार्पोरेट से खबर प्रकाशन पर सवाल पूछने गये पत्रकार को मिली धमकी, प्रशासन क्यूँ मौन ?

Reported by : सलीम कुरैशी (पालघर)…

महाराष्ट्र/पालघर : प्रदेश में सप्लाई हो रही रत्नाकर पानी बोतल के बारे में प्रकाशित समाचारों पर पत्रकार बातचीत करने ‘मनोर पुलिस स्टेशन’ के किनारे स्थित ‘रत्नाकर जल संयंत्र’ पालघर रोड पहुँचे. पत्रकार जब वहाँ पहुँचे तो देखा एक लड़का पानी बिक्री कर रहा था. जिसकी उम्र लगभग 14 से 15 वर्ष की लग रही थी, उससे बातचीत करने पर पता चला कि उसका नाम रवि है, और वह वहाँ कार्यरत है.

पत्रकार द्वारा मालिक संजय जैन से बातचीत की गयी तो उसने अपशब्दों भरे अनुचित भाषा का इस्तेमाल करते हुवे पत्रकार से ही पहचान जानने की कोशिश की, जिसके जवाब में पत्रकार सलीम कुरैशी (पालघर) एवं साथी पत्रकार मयूर ठाकुर (पालघर) ने अपना संस्थागत पहचान पत्र उन्हें दिखाया, जिसकी संजय जैन ने फोटो भी खींची.

बता दें कि रत्नाकर जल संयंत्र के मालिक ने अपनी असभ्य भाषा में अपशब्दों के उच्चारण के साथ पत्रकारों को अपनी रसुख की धमकी भी दी, साथ ही अपनी पहचान और पहुँच का धौंस बताते हुवे संजय जैन ने यह भी कहा कि मेरी बड़ी-बड़ी पहचान है, मेरा व्यापार भी अवैध है, पुलिस स्टेशन तक में मेरी पानी बोतल सप्लाई होती है, मेरी वहाँ भी पहुँच है. जाओं मेरे अवैध ईमारत से लेकर मेरी अवैध व्यापार तक की रिपोर्ट कर दो, मेरी पहुँच इतनी है कि मेरा कुछ नही बिगड़ेगा.

गौरतलब है की पत्रकारों से बदसुलूकी करते यह व्यक्ति अपनी रसूख में कई प्रशासनिक विभाग और अधिकारियों पर सवाल उठाता नजर आ रहा है, जिसमें खाद्य विभाग, श्रमिकों के श्रम आयुक्त के साथ-साथ पुलिस विभाग भी शामिल है. क्या यहाँ मिल रही खबर प्रकाशन सूचनाओं पर खाद्य निरीक्षक को इस पर ध्यान नही देना चाहिए?, क्या बालश्रम पर श्रम आयुक्त कोई कार्यवाही नही करता?, क्या पुलिस विभाग की धौंस देना साबित नही करता कि कार्पोरेट रसूख में काले-गोरे व्यापार को बढ़ावा प्रशासनिक तौर पर है?, एक सवाल के लिए पत्रकार को असभ्य तरीके से अपशब्द और धमकियाँ दी जा सकती है, तो आम नागरिक से यहाँ किस प्रकार का व्यवहार होता होगा?

जबकि सोचने वाली बात यह है कि लगातार पेयजल सम्बंधित जानकारियाँ प्रशासन को पत्रकारों द्वारा एवं आम जन द्वारा अवगत कराया जा रहा है, तो जल विभाग और खाद्य विभाग त्वरित बड़ी कार्यवाही कर ‘रत्नाकर जल संयंत्र’ को सील लगाकर आमजनता की स्वास्थ्य के साथ हो रहे खिलवाड़ पर नकेल क्यूँ नही लगा पा रही है? कहीं किसी बड़ी क्षति होने का इंतेजार तो नही…

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