रायपुर : छत्तीसगढ़ राजधानी की 120 बिस्तरों वाले जिला अस्पताल में सीटी स्कैन, डिजिटल एक्स-रे जैसे जैसी जरूरी जांच सुविधाएं आज तक उपलब्ध नहीं हो पाई हैं. इसके चलते इलाज के लिए पहुंचने वाले मरीजों जांच और इलाज से वंचित हो रहे हैं. इलाज के दौरान जांच के लिए मरीजों को आंबेडकर अस्पताल जाना पड़ता, जहां समय पर जांच नहीं हो पाती है. मजबूरी में पीड़ितों को निजी संस्थाओं में जांच करनी पड़ती है, जो आर्थिक रूप से कमजोर लोगों के लिए किसी मुसीबत से कम नहीं होती.
बता दें कि जिला अस्पताल पंडरी और कालीबाड़ी मिलाकर हर दिन औसतन 400 से अधिक मरीज पहुंचते हैं. चिकित्सकों के मुताबिक, यहां प्रतिदिन 8 से 10 सीटी स्कैन, डिजिटल एक्सरे जैसी जांच के लिए पीड़ितों को कहा जाता है, जिन्हें मरीज बाहर से कराते हैं.
हालांकि, इस समस्या को लेकर स्वास्थ्य विभाग को कई बार जानकारी देते हुए पूर्व में पत्र लिखा गया. मगर, राजधानी जैसी जगह पर ही ऐसे बुनियादी चिकित्सा सुविधाएं न होना बड़ी विडंबना की बात है.
इस बारे में जिला अस्पताल रायपुर के सिविल सर्जन डा. पीके गुप्ता ने बताया कि सीटी स्कैन व डिजिटल एक्स-रे की आवश्यकता लंबे समय से महसूस हो रही है. प्रशासनिक प्रक्रिया कर रहे हैं. हमारी कोशिश है कि जल्द से जल्द यह सुविधा मरीजों के लिए अस्पताल में उपलब्ध कराई जाए.
स्मार्ट लैब में भी सुविधाओं का अभाव
जिला अस्पताल में करोड़ों रुपये की लागत करीब इसी वर्ष स्मार्ट हमर लैब शुरू की गई है. मगर, अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस यह लैब लोगों को पूर्ण जांच सुविधाएं अब तक उपलब्ध नहीं करा पाई है. अस्पताल के अनुसार इस लैब में 90 तरह की जांच सुविधाएं उपलब्ध कराने का सरकार ने दावा किया था. मगर, हार्मोनलाइजर मशीन न होने की वजह से विटामिन डी, बी-12, कैल्शियम, थायराइड समेत विभिन्न जांचें नहीं हो पा रही हैं.