तालिबान के कब्जे में पूरा अफगानिस्तान,काबुल छोड़ने पर मजबूर हुए अफगानी नागरिक

काबुल: काबुल पर कब्जे के बाद अब पूरा अफगानिस्तान तालिबान के नियंत्रण में आ गया है. अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी पहले ही देश छोड़कर पड़ोसी मुल्क में शरण ले चुके हैं. कट्टरपंथी समूह के हथियारबंद सदस्यों के रविवार रात को काबुल के राष्ट्रपति कार्यालय पर कब्जा जमा लेने की तस्वीरें सामने आने के बाद सरकार के पतन पर आखिरी मुहर भी लग गई.काबुल पर कब्जे के साथ ही गनी सरकार ने यह मान लिया था कि देश पर शासन के लिए 20 साल तक चली जंग में तालिबान जीत गया है. अफगानिस्तान के हालातों पर भारत ने भी पैनी नजर बनाए रखी है.
“हम कहां जाएंगे? हमारी तो यह मातृभूमि है” : काबुल-दिल्ली फ्लाइट से लौटे भारतीयों से बोले अफगानी नागरिक

सोमवार सुबह भी हजारों की संख्या में लोग काबुल से बाहर भागने में लगे रहे. एक-एक वाहनों पर 20-25 सवार लोग बस किसी तरह सुरक्षित ठिकाने के लिए बदहवास तैयारी करते दिखे. काबुल एयरपोर्ट पर भी भारी भीड़ है और लोग एय़रपोर्ट अधिकारियों से वहां से बाहर निकालने की गुजारिश कर रहे हैं.

खबरों के मुताबिक, हजारों की संख्या में लोग कट्टरपंथी इस्लामिक शासन के डर से काबुल से बाहर निकलने की जद्दोजहद में जुटे हैं. तालिबान ने 10 दिनों के भीतर ही पूरे देश के बड़े शहरों पर कब्जा जमा लिया है. काबुल के लोगों को अंदाजा नहीं था कि तालिबान इतनी जल्दी उनकी दहलीज तक पहुंच जाएगा. ऐसे में तमाम लोग वहां से चाहकर भी बाहर नहीं निकल पाए

वहीं देश छोड़ने को लेकर चौतरफा आलोचना झेल रहे राष्ट्रपति अशरफ गनी ने एक बयान में कहा, तालिबान ने अपनी तलवार और बंदूक की बदौलत फैसला अपने हक में जीत लिया है और अब अफगानिस्तान के लोगों की सुरक्षा, संपत्ति और सम्मान की जिम्मेदारी उन पर है. गनी ने यह पोस्ट फेसबुक पर लिखी.

वहीं तालिबान की नींव रखने वालों में से एक रहे मुल्ला बरादर ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो पोस्ट किया है, जिसमें तालिबान की जीत का ऐलान किया गया है.