रायपुर। छत्तीसगढ़ राज्य के गठन के 19 साल 7 महीने बाद प्रदेश की पुलिस को राज्य शासन से प्रतीक चिह्न मिला है। पुलिस के आन, बान और शासन के इस प्रतीक चिह्न को पुलिस मुखिया डीजीपी से लेकर सिपाही तक अपनी वर्दी में लगाकर ड्यूटी कर रहे हैं। जवानों के कंधे पर लगा है प्रतीक चिह्न खाकी वर्दी की शोभा बढ़ा रहा है।
पिछले दिनों राज्य शासन के गृह विभाग से इस संबंध में आदेश जारी किया। प्रतीक चिह्न लगाने की शुरुआत पुलिस प्रशिक्षण स्कूल (पीटीएस) राजनांदगांव में की गई। पीटीएस एसपी इरफान उल रहीम ने प्रशिक्षण संस्था के अफसरों, कर्मचारियों और प्रशिक्षणार्थियों को प्रतीक चिह्न लगवाया।
परित्राणाय साधुनाम- छत्तीसगढ़ पुलिस का ध्येय वाक्य, परित्राणाय साधुनाम का महामंत्र जो सबको अपने परम कर्तव्य का बोध कराता है। इस वाक्य का चयन तत्कालीन एडीजी राजीव माथुर की कमेटी ने किया था।
इसके बाद राजधानी रायपुर समेत प्रदेश भर के अफसरों, सिपाहियों ने खाकी वर्दी में बाईं भुजा पर प्रतीक चिह्न लगाया।
वर्दी में बाईं भुजा पर लगा प्रतीक चिह्न
छत्तीसगढ़ पुलिस के अधिकारियों-कर्मचारियों की बाईं भुजा पर गठन प्रतीक यानी प्रतीक चि- लग चुका है। इसमें गहरे नीले रंग के ढाल में सुनहरा बॉर्डर, अशोक चिह्न, सूर्य प्रगति चक्र एवं बाइसन हॉर्न बना हुआ है। साथ ही परित्राणाय साधुनाम सहित गठन वर्ष 2000 उल्लेखित है।