उम्मीदवारों के एलान के साथ ही आलाकमान के खिलाफ बगावत के सुर, इन नेताओं का भड़का गुस्सा…

नई दिल्ली : राज्यसभा चुनाव के लिए कांग्रेस आलाकमान की तरफ से 10 उम्मीदवारों के नाम के एलान के साथ ही पार्टी में विरोध और बगावत के सुर गूंजने लगे। सारा मामला रविवार देर रात शुरू हुआ। कांग्रेस ने देर शाम को उम्मीदवारों की लिस्ट जारी की थी। इसी पर कांग्रेस के तमाम नेता भड़क उठे। राजस्थान के विधायक से लेकर राष्ट्रीय प्रवक्ता और पार्टी से जुड़ी एक्टर ने ट्वीट किए। सबसे पहला ट्वीट राजस्थान की सिरोही सीट से विधायक और सीएम अशोक गहलोत के सलाहकार संयम लोधा ने किया। संयम ने पूछा कि आखिर कांग्रेस आलाकमान को क्या राजस्थान से कोई उम्मीदवार नहीं मिला? इस ट्वीट के बाद फिर एक के बाद एक नेता ट्वीट करने लगे।

नाराजगी का अगला ट्वीट कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रवक्ता और टीवी डिबेट्स में पार्टी का पक्ष मुखर होकर रखने वाले पवन खेड़ा ने किया। पवन को शायद उम्मीद थी कि उन्हें राज्यसभा भेजा जा सकता है, लेकिन लिस्ट में नाम न होने पर उन्होंने पार्टी आलाकमान पर तंज कसने के अंदाज में ट्वीट में लिखा, ‘शायद मेरी तपस्या में कुछ कमी रह गई।’

पवन के इस ट्वीट को री-ट्वीट कर अपना गुस्सा उतारने का काम एक्टर नगमा ने किया। कांग्रेस से जुड़ी रहीं नगमा ने ट्वीट में लिखा, ‘हमारी भी 18 साल की तपस्या कम पड़ गई इमरान (प्रतापगढ़ी) भाई के आगे।’

इस तीनों के ट्वीट आने के बाद यूपी से कांग्रेस के नेता और प्रियंका गांधी के सलाहकार मंडल में शामिल आचार्य प्रमोद कृष्णम भी मैदान में उतर पड़े। उन्होंने नगमा के ट्वीट को री-ट्वीट कर सलमान खुर्शीद, तारिक अनवर और गुलाम नबी आजाद का नाम लेते हुए लिखा कि इन सबकी तपस्या तो 40 साल की है, लेकिन वे भी शहीद हो गए। प्रमोद तो पहले भी ट्वीट कर कह चुके थे कि उन्हें खुद को राज्यसभा उम्मीदवार बनाए जाने की उम्मीद नहीं है। इसकी वजह उन्होंने कई बताई थीं। साथ ही ये लिखा था कि हिंदू धर्मगुरु होना सबसे बड़ा कारण है। बता दें कि पार्टी के वरिष्ठ नेताओं में शुमार सलमान खुर्शीद, तारिक अनवर और गुलाम नबी को कांग्रेस ने राज्यसभा उम्मीदवार नहीं बनाया है। जबकि, तीनों ही केंद्र सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं और सियासत के माहिर खिलाड़ियों में इनका नाम लिया जाता है।