Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.
तिरंगा और लाल झंडा साथ-साथ : पूरे प्रदेश में वामपंथी कार्यकर्ताओं ने ली देश की एकता की रक्षा और संविधान बचाने की शपथ
वामपंथी पार्टियों के देशव्यापी आह्वान पर आज 15 अगस्त को छत्तीसगढ़ में भी तीन वामपंथी पार्टियों — मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी, भाकपा और भाकपा (माले)-लिबरेशन — के कार्यकर्ताओं व समर्थकों ने देश की एकता, धर्मनिरपेक्षता और नागरिक अधिकारों की रक्षा करने की और संविधान तथा देश के संघीय ढांचे को बचाने के लिए संघर्ष को आगे बढ़ाने की शपथ ली।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के छत्तीसगढ़ राज्य सचिव संजय पराते ने बताया कि आरएसएस के नेतृत्व वाली भाजपा सरकार जिन जनविरोधी और कॉर्पोरेटपरस्त नीतियों को लागू कर रही हैं, उसके कारण आम जनता में जबरदस्त असंतोष है। इस असंतोष को दबाने के लिए वह जिन फासीवादी और तानाशाहीपूर्ण तरीकों का उपयोग कर रही है, उसके कारण देश की एकता और संविधान खतरे में पड़ गया है। आज भाजपा सरकार सांप्रदायिक ध्रुवीकरण को तेज करने के साथ ही संविधान के बुनियादी मूल्यों, देश के संघीय ढांचे, धर्मनिरपेक्षता और आम जनता के लोकतांत्रिक और नागरिक अधिकारों पर ही बड़े पैमाने पर हमले कर रही है। पूरे प्रदेश में वामपंथी पार्टियों के कार्यकर्ताओं ने आज इस हमले का मुकाबला करने का शपथ लेते हुए आम जनता को लामबंद करने का संकल्प व्यक्त किया।


विभिन्न जगहों पर हुए शपथ ग्रहण कार्यक्रमों में वाम कार्यकर्ता लाल झंडे के साथ ही तिरंगा झंडा भी लिए हुए थे। इन कार्यक्रमों को संबोधित करते हुए माकपा नेताओं ने इस बात की आलोचना की कि सरकार और उसकी नीतियों के खिलाफ किसी भी असंतोष को “राष्ट्र विरोधी” करार दिया जा रहा है और राजनैतिक-सामाजिक कार्यकर्ताओं और बुद्धिजीवियों को यूएपीए और राष्ट्रद्रोह जैसे काले कानूनों के तहत गिरफ्तार करके जेल भेजा जा रहा है। उन्होंने कहा कि संसद, न्यायपालिका, चुनाव आयोग, सीबीआई सहित देश की सभी संवैधानिक संस्थाओं की स्वायत्तता और स्वतंत्रता पर जिस तरह हमला किया जा रहा है और केंद्र सरकार जिस तरह अपने हाथों में शक्तियों का केंद्रीकरण कर रही है, वह संविधान में उल्लेखित देश के संघीय ढांचे के ही खिलाफ हैं।

वाम नेताओं का आरोप है कि कॉरपोरेटों के हितों को आगे बढ़ाने के लिए आज भाजपा संविधान को दरकिनार और निष्प्रभावी कर रही है और समता पर आधारित एक आधुनिक और वैज्ञानिक दृष्टि संपन्न समाज निर्माण की जगह मनु आधारित हिन्दू वर्णवादी व्यवस्था को लागू करना चाहती है। उसकी यह मुहिम हमारे देश के संविधान में निहित समता, भाईचारे, सामाजिक-आर्थिक न्याय और धर्मनिरपेक्षता के मूल्यों के ही खिलाफ है। इसलिए केंद्र सरकार की कॉर्पोरेटपरस्ती, संविधान को दफ्न करने की उसकी कोशिशों और नागरिक अधिकारों और उसकी आजीविका पर हो रहे हमलों के खिलाफ आम जनता को संगठित करने की शपथ ली वाम कार्यकर्ताओं ने आज ली है।