CG/ सफ़ेद हाथी से जरूरी शिक्षक और पुलिसकर्मी – अमित जोगी

Chhattisgarh Digest News Desk Reported & Edited by : नाहिदा कुरैशी, फरहान युनूस…

रायपुर : छत्तीसगढ़ मे कॉंग्रेस सत्ता की राजनीति में आज संसदीय सचिवों का गठन कर शपथ ग्रहण हुआ। और अब इस पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो चुकी है। इसी कड़ी में JCCJ अध्यक्ष का ट्वीट आया है जा रहा है जिसमें JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी ने कहा कि संसदीय सचिवों और निगम-मंडल अध्यक्षों जैसे सफ़ेद हाथियों से कहीं ज़्यादा छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए शिक्षक और पुलिस बल ज़रूरी हैं।

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15 सफ़ेद हाथियों को लाल बत्ती बाँटने के पहले सर्वप्रथम मुख्यमंत्री जी को पिछले कई सालों से मजधार में अटकी 14580 शिक्षकों, 48761 जिला पुलिस बल के उम्मीदवारों की पदस्थापना, 417 CAF की प्रतीक्षा सूची को जोईनिंग और 1756 विद्यामितानों, 1092 व्यावसायिक प्रशिक्षकों, 16802 प्ररकों, जनभागीदारी और अतिथि शिक्षकों को नियमित कर देने के आदेशों में अपना दस्तख़त कर देना था।

संसदीय सचिव की शपथ पर JCCJ अध्यक्ष अमित जोगी की प्रतिक्रिया :
  • संसदीय सचिवों और निगम-मंडल अध्यक्षों जैसे सफ़ेद हाथियों से कहीं ज़्यादा छत्तीसगढ़ के भविष्य के लिए शिक्षक और पुलिस बल ज़रूरी हैं।
  • उच्च न्यायालय ने 13.4.18 को संसदीय सचिवों की तमाम शक्तियों, सुविधाएं और मंत्रियों के रूप में काम करने पर रोक लगा दी है।
  • संसदीय सचिवों को शपथ दिलाने के पहले मोहम्मद अकबर सुप्रीम कोर्ट के समक्ष अपनी याचिका वापस लें वरना उनपर झूठा शपथपत्र दाखिल करने का आपराधिक प्रकरण चल सकता है।
  • नवनियुक्त संसदीय सचिव हवा में न उड़े और संविधानिक मंशा के अनुरूप जनसेवा में भागीदार बनें।

अमित जोगी ने कहा कि कांग्रेस के 2018 के जनघोषणा पत्र में ये सारी घोषणाएँ हो चुकी हैं, 2019-20 के बजट में इनको धरातल में लाने का वित्तीय प्रावधान भी है। छत्तीसगढ़ के लाखों बेरोज़गार युवाओं को अब केवल वित्त मंत्री (जो मुख्यमंत्री भी हैं) के दस्तख़त का इंतेज़ार है।

साथ ही अमित जोगी ने स्मरण दिलाया कि छत्तीसगढ़ शासन के ‘अधिकृत मंत्री’ मोहम्मद अकबर ने संसदीय सचिवों की नियुक्ति को अवैध घोषित करनी की उनकी याचिका के सम्बंध में 13.4.18 को बयान दिया था कि उच्च न्यायालय ने उनकी याचिका का ‘निराकरण’ किया है न कि उसे ‘निरस्त’ किया है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि न्यायालय ने-
(1)संसदीय सचिवों की तमाम शक्तियों और सुविधाएं पर रोक लगा दी है और
(2)किसी भी सूरत में संसदीय सचिव मंत्रियों के रूप में काम नहीं कर पाएंगे।

अमित जोगी ने उम्मीद जताई कि भूपेश बघेल की सरकार इन बातों पर क़ायम रहेंगी। साथ ही अपने अधिकृत मंत्री अकबर से उच्च न्यायालय के फ़ैसले के विरुद्ध सर्वोच्च न्यायालय में अनुच्छेद 136 के अंतर्गत दाखिल अपनी शपथपत्र याचिका को तत्काल वापस लेने का निर्देश देगी ताकि अकबर गलत शपथपत्र दाखिल करने के अपराध से बच सकें और नवनियुक्त संसदीय सचिव हवा में नहीं उड़ने लगे और संविधानिक मंशा के अनुरूप जनसेवा में भागीदार बनें!

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