Friday, April 19, 2024

संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान: 24 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा, किसानों से बदला लेने का एक और हथकंडा है अग्निपथ योजना

संयुक्त किसान मोर्चा का ऐलान: 24 जून को राष्ट्रव्यापी विरोध दिवस, राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा, किसानों से बदला लेने का एक और हथकंडा है अग्निपथ योजना

नई दिल्ली। संयुक्त किसान मोर्चा ने 24 जून को अग्निपथ योजना के खिलाफ देशभर में विरोध दिवस मनाने का ऐलान किया है। यह फैसला मोर्चा की 7 सदस्य कोऑर्डिनेशन कमिटी ने कल करनाल (हरियाणा) हुई अपनी बैठक में लिया। इस दिन “जय जवान, जय किसान” के नारे के साथ सभी जिला, तहसील या ब्लॉक मुख्यालयों पर शांतिपूर्ण प्रदर्शन आयोजित कर सेना के सर्वोच्च कमांडर भारत के राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन दिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि अग्निवीर भर्ती की शुरुआत भी 24 जून से ही हो रही है। इस योजना को जवान विरोधी, किसान विरोधी और राष्ट्र विरोधी बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने सेना में भर्ती की इस नई योजना के खिलाफ युवाओं के राष्ट्रव्यापी विरोध को अपना समर्थन घोषित किया है। अपने बयान में किसान मोर्चा ने कहा है कि जब केंद्र सरकार “जय जवान, जय किसान” के नारे की भावना को तहस-नहस करने पर तुली है, ऐसे में किसान आंदोलन का कर्तव्य है कि वह जवानों के साथ इस संघर्ष में कंधे से कंधा जोड़कर खड़ा हो।

इस योजना को देश के भविष्य के साथ खिलवाड़ बताते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने कहा कि यह न केवल राष्ट्रीय सुरक्षा और बेरोजगार युवाओं के सपनों के साथ खिलवाड़ है, बल्कि देश के किसान परिवारों के साथ भी धोखा है। इस देश का जवान वर्दीधारी किसान है। अधिकांश सैनिक किसान परिवार से हैं। सेना की नौकरी लाखों किसान परिवारों के मान और आर्थिक संबल से जुड़ी है। लेकिन यह देश के लिए शर्म का विषय है कि “वन रैंक वन पेंशन” के वादे के साथ पूर्व सैनिकों की रैली से अपना विजय अभियान शुरू करने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अब “नो रैंक नो पेंशन” की इस योजना को लाद दिया है। मोर्चा ने कहा है कि सेना में नियमित भर्ती में भारी कटौती उन किसान पुत्रों के साथ धोखा है, जिन्होंने बरसों से फौज में सेवा करने का सपना संजोया था। यह संयोग नहीं है कि इस योजना में “ऑल इंडिया ऑल क्लास” के नियम से भर्ती करने पर उन सभी इलाकों से भर्ती में सबसे ज्यादा कटौती होगी, जहां किसान आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया गया था। इसलिए यह योजना किसान आंदोलन के हाथों अपनी पराजय से तिलमिलाई हुई इस सरकार का किसानों से बदला उतारने का एक और हथकंडा है।

संयुक्त किसान मोर्चा ने इस योजना का विरोध कर रहे सभी युवाओं से अपील की है कि वे इस शांतिपूर्ण विरोध दिवस की मर्यादा का सम्मान करते हुए इस इस विरोध दिवस से जुड़े। मोर्चा ने देश के सभी जनसंगठनों, जनआंदोलनों और राजनीतिक दलों से भी अपील की है कि वे भी इस विरोध दिवस में शामिल हो।

(संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से संजय पराते, अध्यक्ष, छत्तीसगढ़ किसान सभा, मो : 94242-31650 द्वारा प्रसारित)

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