भारत बायोटेक की कोवाक्सिन 60 फीसदी तक असरदार, महाराष्ट्र में हो सकती है फिर से लॉकडाउन की घोषणा…

कोरोना वायरस के संक्रमण से राहत पाने के लिए देश का पहला स्वदेशी टीका कोवाक्सिन 60 फीसदी तक कारगर है। टीके के निर्माण में जुटी भारत बायोटेक के अनुसार, यह अगले साल जून तक बाजार में आ सकता है।

स्वदेशी टीका कोवाक्सिन की निर्माता कंपनी भारत बायोटेक की ओर से यह दावा किया गया है। इससे पहले टीके के प्रभाव 90 फीसदी तक बताए जा रहे थे। हालांकि, अब दो चरण के परीक्षण पूरे होने के बाद कंपनी ने टीका लेने वाले लोगों में 60 फीसदी सफलता बताई है। पहले चरण का परीक्षण पूरा होने के बाद कंपनी ने 90 फीसदी सफलता बताई थी।

टीके को भारत बायोटेक, इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के सहयोग से बना रही है। भारत बायोटेक के क्वॉलिटी ऑपरेशंस के प्रमुख साई डी प्रसाद ने कहा, विश्व स्वास्थ्य संगठन, यूनाइटेड स्टेट्स फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन और दवा नियंत्रक ने सांस संबंधी रोग के टीके को उस वक्त मंजूरी दी है, जब वह कम से कम 50 फीसदी प्रभावी थी। कंपनी ने कोरोना टीके का करीब 60 फीसदी प्रभावीकरण का लक्ष्य रखा है। यह अनुमान से अधिक भी हो सकता है।

परीक्षण में पता चला है कि टीके के 50 फीसदी से कम असरदार रहने की संभावना काफी कम है। दरअसल, विश्व स्वास्थ्य संगठन का कहना है कि कोई भी टीका कोरोना वायरस से 100 फीसदी राहत नहीं दे सकता है। अगर 50 फीसदी राहत भी मिलती है तो भी उस टीके को अनुमति दी जा सकती है, हालांकि, इससे कम असरदार रहने पर टीके को मंजूरी नहीं दी जा सकती है।  

तीसरा परीक्षण शुरू, 26 हजार लोगों को लगेगा टीका : 
इन दो चरणों के दौरान एक हजार लोगों को टीके की खुराक दी गई थी। इसी महीने की शुरुआत में कंपनी ने तीसरा परीक्षण शुरू किया है, जिसके तहत देशभर के 25 केंद्रों पर 26 हजार वॉलंटियरों को टीका लगाया जाएगा। यह देश में कोरोना वायरस का टीका बनाने की दिशा में सबसे बड़ा परीक्षण है। परीक्षण के दौरान सभी वॉलंटियरों की अगले साल की शुरुआत तक निगरानी की जाएगी। इन्हें हर 28 दिन के अंतराल पर दो इंट्रामस्कुलर इंजेक्शन दिए जाएंगे। तीसरे चरण के आंकड़े 2021 की पहली तिमाही तक उपलब्ध हो जाएंगे। इसके बाद टीका जारी करने की मंजूरी ली जाएगी। 

कोविड टीके को तेजी से पहुंचाने के लिए विमान और हवाईअड्डे तैयार : 
कोविड-19 टीका बन जाने के बाद उसे तेजी से लाने ले जाने के लिए भारत के प्रमुख हवाईअड्डों पर उड़ानें और तापमान नियंत्रित क्षेत्र तैयार रखे जा रहे हैं। हवाई मार्ग से ढुलाई करने वाले ऑपरेटरों ने भी तैयारी शुरू कर दी है।

मुंबई का छत्रपति शिवाजी महाराज अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा देश का सबसे बड़ा ‘फार्मा द्वार’ कहा जाता है, जहां दवाओं की ढुलाई होती है। यहां पर टीकों के परिवहन के लिए ऑपरेटर जरूरत के उड़ान की तारीख और समय बदल सकेंगे। यहां पूरे समय ट्रक पर माल उतारने-चढ़ाने वाले क्षेत्र, एक्सरे मशीन और यूनिट लोड डिवाइस सक्रिय रहेंगे।

वहीं, दिल्ली अंतरराष्ट्रीय हवाईअड्डे पर दो कार्गो टर्मिनल से सालाना 15 लाख टन माल का परिवहन होता है। शून्य से 20 डिग्री नीचे के तापमान पर सामान रखने के लिए बने चैंबर भी कोविड टीके के परिवहन को देखते हुए तैयार रखे जा रहे हैं।

विभिन्न एयर कार्गो ऑपरेटरों में शामिल ब्लू डार्ट के पास छह 757 बोइंग माल वाहक विमान हैं। वह जरूरत पड़ने पर चार्टर विमानों को भी इस काम में लगाने की तैयारी में है। टीकों की विशेष जरूरतों को देखते हुए उसने मुंबई, चेन्नई, हैदराबाद, अहमदाबाद, पुणे, कोलकाता, दिल्ली और बंगलूरू में अपने विशेष फार्मा-कंडीशन स्टोर रूम तैयार किए हैं। 

महाराष्ट्र में फिर लॉकडाउन संभव, उप मुख्यमंत्री ने कहा, 10 दिन में लेंगे कोई फैसला : 
 महाराष्ट्र में कोरोना के हर दिन 5 से 6 हजार मरीज आ रहे हैं। आशंका जताई जा रही है कि महाराष्ट्र सरकार कोरोना पर पूरी तरह नियंत्रण के लिए फिर से कुछ दिन के लिए लॉकडाउन की घोषणा कर सकती है।

हालांकि, राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने अभी ऐसी किसी संभावना से इनकार किया है। उन्होंने कहा, दिवाली के दौरान राज्यभर में गजब की भीड़ देखने को मिली। गणेश चतुर्थी के दौरान भी ऐसी ही भीड़ देखने को मिली थी। हम संबंधित विभागों से बात कर रहे हैं। फिलहाल, हम पूरे हालात पर नजर बनाए हुए हैं। अभी 8-10 दिन हम हालात की समीक्षा करेंगे और उसके बाद लॉकडाउन लगाने को लेकर कोई फैसला लिया जाएगा। 

केंद्र भेजेगा यूपी, हिमाचल और पंजाब में उच्च स्तरीय दल : 
केंद्र सरकार उत्तर प्रदेश, पंजाब और हिमाचल प्रदेश में उच्चस्तरीय दल भेजेगी। इनका काम राज्यों को कोविड-19 महामारी से निपटने में मदद करना होगा। रविवार को सरकार ने बताया कि इन राज्यों में सक्रिय मामलों की संख्या या तो अधिक है या फिर तेजी से बढ़ रही है। तीन सदस्यीय दल उन जिलों में जाएंगे, जहां अचानक अधिक मामले मिले हैं।

इसका काम संक्रमण को सीमित रखने, निगरानी, जांच और फॉलो-अप में मार्गदर्शन करना होगा। इससे पहले भी केंद्र सरकार हरियाणा, राजस्थान, गुजरात, मणिपुर और छत्तीसगढ़ में ऐसे दल भेज चुकी है।