Friday, March 29, 2024

कोरोना वैक्सीन पर बड़ा ऐलान, ‘कोवैक्सीन’ और ‘कोविशील्ड’ के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी; 10 खास बातें

कोरोना वायरस महामारी से लड़ने के लिए लंबे समय से कोविड-19 वैक्सीन का इंतजार किया जा रहा है. अब यह इंतजार खत्म होने को है. कोरोना वैक्सीन के इस्तेमाल की सिफारिश करने के लिए बनाई गई विशेषज्ञ समिति ने दो वैक्सीन के आपात इस्तेमाल को हरी झंडी दे दी है. पैनल ने भारत बायोटेक की ‘कोवैक्सीन’ और सीरम इंस्टीट्यूट की ‘कोविशील्ड’ को आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश भारत के औषधि नियामक से की. अब अंतिम मंजूरी ड्रग कंट्रोलर ऑफ इंडिया को देनी है. डीसीजीआई की रविवार को 11 बजे कोरोना वैक्सीन पर प्रेस कॉन्फ्रेंस है. सभी निगाहें इस पर टिकी हैं. उम्मीद की जा रही है कि डीसीजीआई वैक्सीन को लेकर बड़ी घोषणा कर सकता है.
कोरोना वैकसीन के मोर्चे पर आज बड़े ऐलान की संभावना जताई जा रही है. भारत के केंद्रीय औषधि प्राधिकरण की एक विशेषज्ञ समिति ने स्वदेशी रूप से विकसित कोविड-19 रोधी टीके ‘कोवैक्सीन-के कुछ शर्तों के साथ आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की शनिवार को सिफारिश की.
इससे पहले, केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन (सीडीएससीओ) की कोविड-19 संबंधी एक विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड के कोरोना वायरस रोधी टीके के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की भी सिफारिश की थी. इसी के साथ भारत में अगले कुछ दिनों में कोविड-19 का पहला टीका आने का रास्ता साफ हो गया है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय ने पुष्टि कि सीडीएससीओ की सब्जेक्ट एक्सपर्ट कमेटी (एसईसी) ने भारत में कोविशील्ड के सीमित आपातकालीन उपयोग के लिए सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को अनुमति देने की सिफारिश की है, जो कई नियामक शर्तों के अधीन है.एक्सपर्ट कमेटी ने एक और दो जनवरी को बैठक की और भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) को मंजूरी पर विचार करने और इस पर अंतिम निर्णय के लिए सिफारिशें भेजी हैं.
कोवैक्सीन को भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) के साथ मिलकर भारत बायोटेक द्वारा स्वदेशी रूप से विकसित किया गया है. पुणे स्थित सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (SII) ने ऑक्सफोर्ड की कोरोना वैक्सीन COVISHIELD के उत्पादन के लिए एस्ट्रेजेनेका के साथ करार किया है. SII दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी है.
केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि भारत संभवत: दुनिया में पहला ऐसा देश है जहां चार टीकों पर काम चल रहा हैं. कुछ धार्मिक हस्तियों द्वारा टीके पर संदेह जताए जाने के बारे में पूछे जाने पर, जावड़ेकर ने कहा कि “हमारा टीका प्रभावी है” और बाकी दुनिया भी इसका उपयोग कर रही है. उन्होंने कहा कि कई परीक्षणों के बाद टीके तैयार होते हैं और यह पूरी तरह से सुरक्षित है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री हर्षवर्धन ने लोगों से कोविड-19 के टीके के सुरक्षित होने और इसकी प्रभाव क्षमता के बारे में ‘‘अफवाहों” और भ्रामक सूचना अभियानों को लेकर गुमराह नहीं होने की शनिवार को अपील की. साथ ही उन्होंने कहा कि इसे मंजूरी देने से पहले किसी भी प्रोटोकॉल के साथ कोई समझौता नहीं किया जाएगा. हर्षवर्धन ने कहा कि टीकाकरण के प्रथम चरण में सर्वाधिक प्राथमिकता वाले लोगों को नि:शुल्क टीका उपलब्ध कराया जाएगा, जिनमें एक करोड़ स्वास्थ्यकर्मी और अग्रिम मोर्चे के दो करोड़ कर्मी शामिल हैं.
एक सूत्र ने बताया कि सीडीएससीओ की कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति (एसईसी) ने अतिरिक्त डाटा, तथ्य और विश्लेषण सौंपे जाने के बाद हैदराबाद स्थित फ़ार्मास्युटिकल फर्म के टीके के आपातकालीन उपयोग संबंधी आवेदन पर शनिवार को फिर से विचार-विमर्श किया.
भारत बायोटेक ने सात दिसंबर को स्वदेश में विकसित कोवैक्सीन टीके की मंजूरी के लिए भारत के औषधि महानियंत्रक (डीसीजीआई) के समक्ष अर्जी दाखिल की थी. एसईसी ने शुक्रवार को ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका के कोरोना वायरस रोधी टीके ‘कोविशील्ड’ के भारत में आपात इस्तेमाल के लिए मंजूरी देने की सिफारिश की थी.
एसईसी ने शनिवार को भारत बायोटेक के आपातकालीन उपयोग प्राधिकरण (EUA) के आवेदन पर फिर से विचार किया. स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा, “समिति ने एक व्यापक एहतियात के रूप में सार्वजनिक हित में आपातकालीन स्थिति में इसके सीमित उपयोग के लिए भारत बायोटेक को अनुमति देने की सिफारिश की.”
सूत्रों के अनुसार, समिति ने हालांकि कहा कि दवा कंपनी वर्तमान में जारी तीसरे चरण के नैदानिक ​​परीक्षण जारी रखेगी और उपलब्ध होने पर परीक्षण से निकले डेटा को प्रस्तुत करेगी. समिति ने कहा कि टीके में वायरस को खत्म करने की क्षमता है.

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