रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) भारत की दो सरकारी ऑयल कंपनियों के साथ कच्चे तेल की डील साइन करने के साथ पीछे हट गई है
रूस की सबसे बड़ी ऑयल कंपनी रोसनेफ्ट (Rosneft) भारत की दो सरकारी ऑयल कंपनियों के साथ कच्चे तेल की डील साइन करने के साथ पीछे हट गई है। ऐसा इसलिए क्योंकि Rosneft पहले ही कुछ और ग्राहकों को तेल सप्लाई का वादा कर चुकी है और अब उसके पास भारतीय कंपनियों के साथ डील करने फिलहाल अतिरिक्त तेल नहीं बचा है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बुधवार को एक रिपोर्ट में यह जानकारी दी।
भारतीय ऑयल कंपनियां 24 फरवरी के बाद से ही रूस के साथ सस्ता तेल खरीदने की कोशिशों में लगी है। रूस ने 24 फरवरी को यूक्रेन पर आक्रमण किया था, जिसके बाद से पश्चिमी देशों ने उसके ऊपर प्रतिबंध लगाना शुरू किया था।
रिपोर्ट के मुताबिक, रोसनेफ्ट (Rosneft) के साथ नई डील नहीं होने से भारतीय कंपनियों को आने वाले दिनों में स्पॉट मार्केट से महंगे दाम पर तेल खरीदने के लिए विचार करना पड़ सकता है। साथ ही इससे यह भी पता चलता है कि रूस पश्चिमी देशों की तरफ से तमाम प्रतिबंधों के बावजूद अभी तक अपने ऑयल को दूसरे देशों को सफलतापूर्वक बेच रहा है।
बता दें कि भारत की तीन सरकारी कंपनियों- इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC), भारत पेट्रोलियम कॉरपोरेशन (BPCL) और हिंदुस्तान पेट्रोलियम (HPCL) ने Rosneft के साथ सस्ते दाम पर 6 महीने की सप्लाई डील के लिए बातचीत शुरू की थी।
इन तीनों में से अभी तक सिर्फ इंडियन ऑयल ही Rosneft के साथ डील साइन कर पाई है। इस डील के तहत इंडियन ऑल हर महीने 60 लाख बैरल तेल खरीदेगी और इसमें जरूरत पड़ने पर 30 लाख बैरल अतिरिक्त खरीदारी का भी प्रावधान है। रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि Rosneft ने बाकी दोनों भारतीय कंपनियों के अनुरोध को ठुकरा दिया है।
एक सूत्र ने बताया, “Rosneft ने BPCL और HPCL के साथ कॉन्ट्रैक्ट करने को लेकर कोई वादा नहीं किया है। उनका कहना है कि उनके पास अब इतना तेल नहीं है।” खबर लिखे जाने तक Rosneft, IOC, HPCL और BPCL की तरफ से इस मामले में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई थी।