रायपुर : कोरोना मुआवजे को लेकर राजनीति फिर गरमाई है। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को एक नई चिट्ठी लिखी है। इसमें कोरोना की वजह से मरे लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपए मुआवजा देने की मांग की है। मुख्यमंत्री ने कहा है, SDRF के प्रावधानों के तहत 75:25 के अनुपात में 25% रकम देने को हम प्रतिबद्ध हैं।
विवाद की शुरुआत बुधवार सुबह हुई। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने गुजरात के कोरोना पीड़ितों का वीडियो जारी करते हुए एक अभियान शुरू किया। इसमें उन्होंने सरकार से 4 लाख मुआवजा देने की मांग रखी। 12 बजे के करीब मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने अपने ट्वीटर हैंडल पर वह वीडियो जारी किया। उन्होंने लिखा, राहुल गांधी और कांग्रेस पार्टी की केंद्र सरकार से दो मांग है। पहला कोविड मृतकों के सही आंकड़े बताए जाएं। दूसरा अपने प्रियजनों को कोविड में खो चुके परिवारों को चार लाख रुपए का हर्जाना दिया जाए।
थोड़ी देर बाद पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने इसे टैग करते हुए जवाबी हमला किया। उन्होंने लिखा मुख्यमंत्री भूपेश बघेल जी आप कम से कम राहुल गांधी जी की बात मानिए।
छत्तीसगढ़ में कोरोना और ऑक्सीजन की कमी से हुई मौतों के सही आंकड़े बताईए। कोविड में जान गंवाने वाले मृतकों के परिजनों को 4-4 लाख रुपए का मुआवजा दीजिए। शाम होते-होते मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को पत्र लिखकर अपनी मांग को आधिकारिक रूप दे दिया। साथ ही रकम में 25% भागीदारी की प्रतिबद्धता भी जता दी।
मुख्यमंत्री ने लिखा –
सर्वोच्च न्यायालय के निर्देश पर जो 50 हजार रुपए का हर्जाना दिया जा रहा है, वह बिल्कुल पर्याप्त नहीं है। केंद्र सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय के सामने तर्क दिया था कि 4 लाख मुआवजा देने पर उसके पास कोविड से निपटने के लिए रकम नहीं बचेगी। जबकि सरकार द्वारा महंगा पेट्रोल-डीजल बेचकर जनता से कर एकत्र करना जारी है। दूसरी तरफ कॉर्पोरेट मित्रों को लगातार रियायत दी जा रही है। वही सरकार आम नागरिकों को राहत देने से इनकार कर देती है। मुख्यमंत्री ने लिखा, लोक कल्याणकारी राष्ट्र की जिम्मेदारी है कि वह जरूरत के समय नागरिकों की देखभाल करे।
पिछले साल जारी अधिसूचना लागू करने की मांग
मुख्यमंत्री ने लिखा, हम मांग करते हैं कि केंद्र सरकार 14 मार्च 2020 को अधिसूचित अपने पहले आदेश को लागू करे। इसमें सरकार ने 4 लाख रुपए मुआवजा देने की घोषणा की थी।
केंद्र सरकार ने बाद में इस अधिसूचना को संशोधित किया और मुआवजे की राशि घटाकर 50 हजार कर दिया। इसमें से 75% जो 3 लाख रुपए होते हैं वह केंद्र सरकार अदा करे। उसका 25% यानि एक लाख रुपए राज्य सरकार अपनी ओर से देगी।