छत्तीसगढ़ पुलिस अब आप की मदद से लगा रही सायबर ठगों पर लगाम ,बस आपको करना है ये काम

ऑनलाइन ठगी को रोकने के लिए केंद्र सरकार ने जालसाजों के नंबर की पहचान कर ब्लॉक करने का निर्देश दिया है, ताकि उस नंबर से दोबारा किसी को फोन न आ सके और लोग ठगी का शिकार होने से बच सकें। अब रायपुर पुलिस ठगों का नंबर ब्लॉक करा रही है अब तक 50 से ज्यादा नंबरों को ब्लॉक कराया गया है। इसमें वे नंबर भी शामिल है, जिससे लाखों की लॉटरी लगने, गाड़ी उपहार में देने से लेकर अलग-अलग नामों से फोन आए हैं। पुलिस ने लोगों से अपील है कि जिनके पास भी इस तरह का मैसेज आ रहा है, जिससे ठगी हो सकती है।
उन नंबरों की जानकारी रायपुर साइबर सेल के नंबर 9479191019 में दे सकते हैं। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ऑनलाइन ठगी करने वाले गिरोह फर्जी आईडी से नंबर ले रहे हैं। एक बार में 50-60 लोगों को फोन करते हैं, जो झांसे में आ जाते हैं, उनके खाते में सेंध लगा देते हैं। कुछ माह नंबर का उपयोग नहीं करते। फिर उसी नंबर से लोगों को फोन करते हैं। लोगों की शिकायतें रहती थी कि केस दर्ज होने के बाद ठगों का फोन आता है। अब ऐसे नंबरों की पहचान कर उसे ब्लॉक कराया जा रहा है। लोगों की पहचान की जा रही है, जिनकी आईडी से लगातार फर्जी तरीके से नंबर लिया जा रहा है।
पिछले साल रायपुर साइबर सेल के पास 1043 से ज्यादा ऑनलाइन ठगी की शिकायतें आई थीं। इसमें 104 में ही पुलिस ने ठगी का केस दर्ज किया था, जबकि 680 लोगों का ही पैसा लौटा पाई थी। पोर्टल में 1350 लोगों ने शिकायत की थी।
इसकी भी जांच साइबर सेल में हुई थी। इसमें 3 हजार से ज्यादा नंबरों का ठगों ने उपयोग किया था। नंबर बदल-बदलकर लोगों से ठगी की थी। पुलिस ने गिनती के नंबर को ब्लॉक कराया था। हालांकि थानों में 3 हजार से ज्यादा छोट-बड़ी ठगी की शिकायतें आई थीं, जिसमें जांच हुई, लेकिन रकम कम होने के कारण लोगों ने केस दर्ज नहीं कराया, रायपुर के सभी थाने में तीन पन्नों का एक प्रोफार्मा बनाकर भेजा गया है। उसमें घटना की जानकारी के साथ ठगों का फोन नंबर लिखकर साइबर सेल को भेजना है। उसके बाद साइबर सेल उन नंबरों को टेलीकॉम विभाग में भेजकर ब्लॉक कराएगी।
एक ही नंबरों से तीन लोगों को फोन और ठगी की घटना का होना जरूरी है। तभी उन नंबरों को बंद कराया जाएगा। पुलिस के अनुसार इससे देश में हजारों फर्जी नंबर बंद हो जाएंगे। ठग गिरोह दूसरे राज्यों में नंबर लेकर किसी और राज्य में बैठकर ठगी करते हैं। इससे उन्हें ट्रैस कर पाना बहुत मुश्किल होता है। उनका लोकेशन लगातार बदलते रहता है।
पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पहले नंबर ब्लॉक नहीं कराते थे, क्योंकि ज्यादातर नंबर दूसरे राज्यों का होता था। टेलीकॉम कंपनी का हर राज्य में सर्कल अलग-अलग होता है। इसलिए नंबर को ब्लॉक कराना आसान नहीं था। उस समय नंबरों को ब्लॉक करने के लिए मेल नहीं करते थे। अब ऐसा हो सकेगा।

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