Friday, April 19, 2024

सीएम भूपेश -जो बच्चे स्कूल आ रहे हैं, उन्हें मिड डे मील परोसा जाएगा जो नही पहुँच रहे उन्हें घर पहुँच सेवा से राशन बांटा जाए,दिशा निर्देश जारी

कोरोना काल में जो बच्चे स्कूल नहीं आ पा रहे हैं, उन्हें राशन वितरण किया जाएगा। वहीं जो बच्चे स्कूल आ रहे हैं, उन्हें मिड डे मील परोसा जाएगा। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के निर्देशानुसार राज्य के सभी स्कूली बच्चों को कोरोना संक्रमण काल में भी मध्याह्न भोजन योजना के अंतर्गत सूखा राशन का वितरण किया जा रहा है। स्कूल शिक्षा मंत्री डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम ने बताया कि राज्य शासन के निर्णय अनुसार कोविड-19 के संक्रमण के चलते शालाओं के बंद रहने की अवधि 16 जून से 31 जुलाई तक कुल 38 शालेय दिवसों का भी पूर्व की तरह मध्याह्न भोजन का सूखा राशन स्कूली बच्चों को खाद्य सुरक्षा भत्ते के रूप में दिया जाएगा।

सूखा राशन सामग्री का वितरण सुविधानुसार स्कूल में अथवा घर-घर पहुंचाकर देने के निर्देश दिए गए हैं। वितरण के दौरान बच्चों या पालकों के मध्य सामाजिक दूरी बनाए रखी जाएगी। इस संबंध में आयुक्त लोक शिक्षण डॉ. कमलप्रीत सिंह ने सभी जिला शिक्षा अधिकारियों को दिशा-निर्देश जारी किए हैं।

सभी जिला अफसरों को निर्देश

लोक शिक्षण संचालनालय से जिला शिक्षा अधिकारियों को जारी निर्देश में कहा गया है कि कोरोना वायरस (कोविड-19) के संक्रमण से बचाव को नियंत्रण के लिए राज्य में स्कूलों को आगामी आदेश तक के लिए बंद रखने का आदेश राज्य शासन द्वारा जारी किया गया। मध्यान भोजन नियम के प्रावधान के अंतर्गत बच्चों को स्कूल बंद रहने की अवधि में खाद्य सुरक्षा भत्ता प्रदान किया जाना है। अत: खाद्य सुरक्षा भत्ता के रूप में बच्चों को सूखा चावल एवं निर्धारित कुकिंग कास्ट की राशि से अन्य आवश्यक खाद्य सामग्री – दाल, तेल, सूखी सब्जी इत्यादि वितरित किया जाना है।

यह है गाइडलाइन

सूखा राशन सामग्री वितरण के लिए जारी निर्देश में कहा गया है कि मध्या भोजन योजना की गाइडलाइन के अनुसार कक्षा पहली से 8वीं तक के उन बच्चों को जिनका नाम शासकीय शाला, अनुदान प्राप्त अशासकीय शाला अथवा मदरसा-मकतबा में दर्ज है, उन्हें मध्या भोजन दिया जाए। सूखा राशन वितरण में बच्चों को चावल, दाल एवं तेल की मात्रा भारत सरकार द्वारा निर्धारित मात्रा से कम नहीं होनी चाहिए।

बच्चों को प्रदाय की जाने वाली सामग्रियों को पृथक-पृथक सील बंद पैकेट बनाकर प्रति छात्र सभी सामग्रियों का एक बड़ा पैकेट बनाया जाए। वितरित की जाने वाली खाद्य सामग्रियां उच्च गुणवत्ता की होनी चाहिए। गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए सामग्रियों की पैकिंग के पूर्व और पैकिंग के बाद के फोटोग्राफ लिए जाए। सामग्री के ब्रांड से संबंधित फोटोग्राफ और सामग्री नमूनार्थ एक माह तक के लिए रखी जाए।

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