Friday, March 29, 2024

प्रदेश में अर्धसेनिक कल्याण बोर्ड के गठन व अन्य कल्याणकारी सुविधाओं को लेकर कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स वेलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले 5 सदस्यीय पुर्व अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल को सौंपा ज्ञापन

प्रदेश में अर्धसेनिक कल्याण बोर्ड के गठन व अन्य कल्याणकारी सुविधाओं को लेकर कॉनफैडरेसन आफ़ एक्स
पैरामिलिट्री फोर्स वैलफेयर एसोसिएशन के बैनर तले 5 सदस्यीय पुर्व अर्धसैनिक बलों के प्रतिनिधिमंडल द्वारा राज्यपाल
महोदया सुश्री अनुसुइया उइके से राजभवन में मीटिंग कर ज्ञापन सौंपा गया।


महासचिव रणबीर सिंह ने प्रेस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि पिछले 15-17 सालों से चले आ रहे नक्सलवाद के कारण
सैकड़ों पैरामिलिट्री जवान, स्थानीय पुलिस फोर्स के जवान व आम नागरिक शहीद हो गए। राज्यपाल महोदया को ध्यान
दिलाया कि अक्सर पुलिस फोर्स के जवान शहीद होते रहते हैं लेकिन कल्याण के नाम पर अभी बहुत कुछ किया जाना
बाकी है।

देखे वीडियो क्या कहा फेडरेशन अधिकारियों ने

हम उन केंद्रीय सुरक्षा बलों की बात कर रहे हैं जो परमाणु ऊर्जा संयंत्रों, बंदरगाहों, हवाई अड्डो, संसद भवन,
राज्यों में कानून व्यवस्था बनाए रखने व देश की लम्बी सरहदों की चाक-चौबंद चौकीदारी के अलावा देश में अचानक
आने वाली प्राकृतिक विपदाओं में आम जान-माल की सुरक्षा कर रहे हैं।
माननीय राज्यपाल महोदया से राज्य में स्थाई रूप से निवास कर रहे हजारों सेवारत, सेवानिवृत पैरामिलिट्री परिवारों वास्ते
प्रदेश में अर्धसेनिक कल्याण बोर्ड की स्थापना पर बल दिया ताकि विधवाओं, विरांगनाओं, शहीद परिवारों एवं सेवानिवृत
जवानों के पैंशन, पुनर्वास एवं कल्याणकारी योजनाओं को अमली जामा पहनाया जा सके। दुसरा महत्वपूर्ण मुद्दा शहीद
परिवारों को मिलने वाली सम्मान राशि को बढ़ाकर 1 करोड़ किए जाने की मांग की ताकि जिन मांओं के लाल बिछड़ गए,
विरांगनाओं के सुहाग उजड़ गए उनके बच्चों के बेहतर शिक्षा-स्वास्थ्य एवं पुनर्वास में उपरोक्त सम्मान राशि जीने का
सहारा बनें। महासचिव ने रोष जताया कि सरकारें मैडल जीतने वाले खिलाड़ी को 4 से 6 करोड़ की सम्मान राशि दे रहे हैं
जबकि देश के लिए अपना सर्वस्व बलिदान करने वाले जवानों के लिए इस तरह की शहीद सम्मान राशि का प्रावधान
किया जाना चाहिए। तीसरा मुद्दा 23 नवंबर 2012 को गृह मंत्रालय भारत सरकार द्वारा आफिस मेमोरेंडम जारी किया
गया जिसमें सेना की तर्ज पर अर्धसैनिक बलों के जवानों को भी एक्स-मैन का दर्जा देने हेतु आदेश जारी किया गया था
अतः उपरोक्त आदेश को छत्तीसगढ़ राज्य में लागू किए जाने की आवश्यकता है ताकि रिटायर्ड पैरामिलिट्री जवानों को
पुनर्वास व सरकारी नौकरियों में लाभ मिल सके।
राज्यपाल महोदया ने केंद्रीय सुरक्षा बलों की भूरी भूरी प्रशंसा करते हुए कहा कि राज्यों में शांति स्थापित करने व कानून
व्यवस्था बनाए रखने में सर्वोच्च कार्यपराणयता का छतीषगढ ही नहीं बल्कि पुरा राष्ट्र ऋणी है। साथ ही प्रतिनिधि मंडल
को भरोसा दिलाया कि उपरोक्त जायज़ मांगों को सिफारिश के साथ मुख्यमंत्री जी को अग्रिम कार्रवाई हेतु भेजेंगे। पुर्व
अर्धसैनिक प्रमोद कुमार शुक्ला, सुमित वर्मा, भुवन सिंह व जग सिंह ने राज्यपाल महोदया के साथ बातचीत में शामिल

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