एक दिन पहले 5 दंतैलो का दल अचानकमार फॉरेस्ट कॉरिडोर की ओर रवाना हुआ था। लेकिन इस दल में 5 नहीं, बल्कि 6 दंतैल थे। एक दंतैल दल से बिछड़कर पीछे छूट गया है, जो फिलहाल कबीरधाम जिले की सीमा से लगे मध्यप्रदेश के वन रेंज में घूम रहा है। दल से बिछड़े इस दंतैल ने इलाके के गांवों में जमकर उत्पात मचाया है।
बॉर्डर से लगे मध्यप्रदेश के बजाग वन परिक्षेत्र के ग्राम चांडा में बांस व कटहल के पेड़ों को उखाड़ दिया है। यही नहीं, अनाज के लिए 3- 4 घरों में तोड़फोड़ किया है। हाथी ने अपने दांत से घरों की दीवार को तोड़ दिया।
यही नहीं घर में रखा अनाज व अन्य राशन खा गया। इनमें से एक घर में आटा चक्की भी संचालित है। दंतैल के उत्पात को देखते हुए स्थानीय लोगों ने जंगल की ओर भागकर अपनी जान बचाई।
सेंदूरखार से करीब 15 किमी दूर है चांडा गांव
पंडरिया ब्लॉक के वनांचल गांव सेंदूरखार से करीब 15 किलोमीटर दूर मध्यप्रदेश का चांडा गांव है। इसी गांव में अकेले दंतैल ने उत्पात मचाया है। बजाग वन परिक्षेत्र (एमपी) के वन अमले ने बुधवार को किसी तरह हाथी को खड़ेद दिया है।
डिंडौरी परिक्षेत्र में एक महिला को पटककर मारा
एमपी के डिंडौरी परिक्षेत्र में इसी हाथी ने तांडव मचाया था। डिंडौरी के बासी देवरी में कमलावती (45) को खाट समेत पटक कर मार डाला था। वहीं कंपार्टमेंट नंबर- 399 में बैगा दंपति पर भी हमला किया था। ग्रामीण कैलाश उइके को सूंढ से उठाकर पटक दिया था, उसे गंभीर चोंट आई है।
हाथियों का कॉरिडोर बनता जा रहा कबीरधाम जिला
छग के अचानकमार और एमपी के कान्हा टाइगर रिजर्व के बीच कबीरधाम जिला हाथियों का कॉरीडोर बनता जा रहा है। पिछले दो महीने में 4 बार हाथियों का झुंड अचानकमार से कान्हा की ओर और फिर उसी रास्ते से वापस अचानकमार फॉरेस्ट की ओर वापस हुए हैं।
इस बीच पंडरिया ब्लॉक का तेलियापानी लेदरा वाला हिस्सा और बोड़ला ब्लॉक का बांकी, मुंडादादर के इलाके को हाथियों का दल कॉरीडोर के रूप में इस्तेमाल कर रहे हैं। इसी रास्ते से लगातार आना-जाना कर रहे हैं। जिले में गन्ने की खेती ज्यादा होती है। जंगल में महुआ बड़े पैमाने पर उपलब्ध है। गन्ना, महुआ हाथियों का प्रिय आहार है। इसी कारण हाथियों का डर बना हुआ है।