महाभारत के महाबली भीम का ऐतिहासिक किरदार निभाने वाले प्रवीण कुमार की मौत पर नहीं मिली अंतिम सलामी सम्मान गारद जिसके वो बीएसएफ जांबाज वास्तविक हकदार थे। स्वर कोकिला लता मंगेशकर के जाने के तुरंत बाद अर्जुन अवॉर्डी का यूं चले जाने जहां से आज़ तक कोई लौट कर नहीं आया..? 15 मार्च 2021 को पुर्व में डीजी रहे श्री राकेश अस्थाना के एसओपी आदेश जारी कर दिए जाने के बाद भी आखिरी सम्मान गारद के लिए प्रावधान के बावजूद नहीं मिला सम्मान इस के लिए कौन जिम्मेदार जबकि महाबली भीम बीएसएफ की मौत पर डीजी के ट्विटर अकाउंट से किया गया था मार्मिक बखान।
कॉनफेडरेशन ऑफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन महासचिव रणबीर सिंह ने प्रैस विज्ञप्ति जारी करते हुए कहा कि महाबली भीम यानी प्रवीण कुमार जोकि अंतरराष्ट्रीय स्तर के खिलाड़ी रहे, कई अंतरराष्ट्रीय प्रतियोगिताओं में पदक विजेता रहे, अर्जुन अवॉर्ड से नवाजे गए, भीम का डिस्कस थ्रो व हैमर थ्रो में उनका कोई सानी नहीं था । एशिया व कॉमनवेल्थ गेम्स में शानदार प्रदर्शन कर भारत की झोली में पदकों की भरमार की थी इस महानायक ने। ओर महाभारत में भीम का ऐतिहासिक किरदार निभाने के लिए घर घर में अपनी छाप छोड़ गए ऐसे थे हमारे भीम भन्डारी। 6 साल पहले अर्ध सैनिक बलों के जायज मांगों के समर्थन में जंतर मंतर पर धरना प्रदर्शन में भागीदारी निभाई क्योंकि वो दर्दीले भावुक इंसान थे। भारत की पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ के डिप्टी कमांडेंट पद से रिटायर हुए भीम को ये टीस कहें या हूक बराबर सताती रही कि सरहदी चौकीदार क्यों पैंशन, वन रैंक वन पेंशन व अन्य जरूरी सुविधाओं से वंचित है ओर उन्होंने इस के लिए पर को साफतौर पर व्यवस्था को जिम्मेदार ठहराया।
डिप्टी कमांडेंट प्रवीण कुमार एक स्पष्टवादी इंसान थे जिनकी रग रग में पंजाबियत रची बसी थी। जांबाज भीम बीएसएफ जवानों के साथ सरहदों की चौकीदारी करने वाले वास्तविक कमांडर थे जो कि जवानों के साथ कम्पनी व बटालियन लेवल तक कंधे से कंधा मिलाकर अग्रणी मोर्चों में तैनात रहकर उत्कृष्ट सेवा किए। चाहे खेल का मैदान हो या सरहदों की चौकीदारी हो या फिर ऐतिहासिक सिरियल महाभारत में सर्वोत्तम किरदार निभाने वाले भीम का किरदार उन्होंने अपनी एक अलग ही छाप छोड़ी उन्होंने कई फिल्मों व सिरियल में भी काम किया। उनके साथ कुछ पल बिताने के बाद हर शख्स को एक सौंधी सी पंजाबियत महक का आभास होता था।
रणबीर सिंह के अनुसार पिछले साल 15 मार्च 2021 को डायरेक्टर जनरल बीएसएफ अस्थाना की तरफ से भारत की पहली रक्षा पंक्ति बीएसएफ जवानों एवं आफिसर्स के लिए एसओपी जारी किया जिसमें अगर किसी रिटायर्ड बीएसएफ जवान की मृत्यु हो जाती है तो उसकी देश सेवा एवं सरहदों की चाक चौबंद चौकीदारी के एवज में मरोणापरांत सम्मान गारद से विदाई की जाएगी साथ ही अंतिम संस्कार वास्ते 8000 रू संस्कार राशी भी परिवार के सदस्यों को दी जाएगी लेकिन भीम भन्डारी के अंतिम क्षणों में सलामी नसीब नहीं हो पाई। जबकि बीएसएफ डीजी ने भीम की आक्समिक मौत के बारे ट्विटर पर दिल को छू लेने वाला ट्विट किया गया।
दिल्ली बीएसएफ महानिदेशालय में सैकड़ों उच्च पदों पर आसीन आफीसर्स की भरमार है किन्तु किन अफसरान ने अपनी ड्यूटी नहीं निभाई जोकि जांच का विषय है। क्यों चूक हुई अंतिम सलामी सम्मान गारद देने में ? ज्ञातव्य रहे कि कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन जो कि 14 फरवरी को बापू समाधि राजघाट पर पुलवामा में शहीद हुए जवानों को श्रद्धासुमन अर्पित करने जा रहे हैं ओर इस शौक की घड़ी में भगवान से प्रार्थना है कि महाबली भीम को अपने श्री चरणों में जगह दें।
रणबीर सिंह
महासचिव
कॉनफैडरेसन आफ एक्स पैरामिलिट्री फोर्स मार्टियरस वेलफेयर एसोसिएशन