रायपुर : अनुसूचित जनजाति मामले में फंसी छत्तीसगढ़ जनता कांग्रेस प्रमुख अमित जोगी की पत्नी ऋचा जोगी ने मुंगेली की जिला स्तरीय जांच समिति को अपना जवाब भेज दिया है। इसमें उन्होंने बताया कि जाति प्रमाणपत्र को च्वॉइस सेंटर से ऑनलाइन बनवाया गया था। इसके लिए मांगे गए डॉक्यूमेंट भी दिए गए। उन्होंने संबंधित दस्तावेज समिति को उपलब्ध कराने के लिए 7 दिन का और समय मांगा है।
जांच समिति ने 8 अक्टूबर को ऋचा जोगी को 29 सितंबर को जारी किए गए कारण बताओ नोटिस और उनके खिलाफ की गई शिकायत की प्रति उपलब्ध कराई थी। समिति ने उनसे आवेदन की मूल प्रति मांगी है। डॉ. ऋचा जोगी ने अपने जवाब में कहा है- उन्होंने आवेदन च्वॉइस सेंटर से ऑनलाइन किया था। इसके लिए कर्मचारी द्वारा मांगे गए सभी दस्तावेज दिखाने के बाद फॉर्म भरा गया।
रजिस्ट्रार ऑफिस बंद होने से लग रहा दस्तावेज देने में समय :
डॉ. ऋचा जोगी ने समिति को भेजे जवाब में कहा कि 1950 से पहले का राजस्व दस्तावेज (मिसल) और 2 जून 1940 के बिक्री नामे की सत्यापित प्रति समिति के सामने प्रस्तुत की थी। मूल दस्तावेज बिलासपुर जिला रजिस्ट्रार के पास जमा हैं। उसे लेने के लिए उनके भाई गए थे, लेकिन एक कर्मचारी के कोरोना पॉजिटिव होने के कारण कार्यालय 7 से 11 अक्टूबर तक बंद है। उन्हें 7 दिनों का और समय दिया जाए।
डॉ. जोगी – पक्ष रखने के लिए मिले समय :
डॉ. ऋचा ने यह भी लिखा कि समिति ने उन्हें नोटिस देने के बाद 4 दिन बाद 12 अक्टूबर को सुनवाई रख दी। इसमें भी 2 दिन शनिवार व रविवार थे। इसलिए उन्हें अपना पक्ष रखने के लिए जरूरी दस्तावेज अभी तक नहीं मिल पाए हैं। डॉ. जोगी ने कहा कि इसलिए उन्हें 10 दिनों का समय मिले। साथ ही नियमों के तहत व्यक्तिगत सुनवाई और वीडियोग्राफी में गवाहों के प्रतिपरीक्षण का अवसर भी दें।
ऋचा के भाई ने 8 अक्टूबर को समिति का पत्र मिलने के बाद मुंगेली कलेक्टर के पास दस्तावेजों की कॉपी के लिए आवेदन दिया था। उनके भाई ने स्वयं के जाति प्रमाण पत्र के लिए भी च्वॉइस सेंटर से आवेदन किया था। कलेक्टर मुंगेली को दिए गए आवेदन में डॉ. जोगी के भाई ने स्वयं के आवेदन से संबंधित दस्तावेज भी मांगे हैं। हालांकि मुंगेली कलेक्टर की ओर से अभी तक नहीं मिल सके हैं।