Friday, March 29, 2024

कचना रेलवे क्रासिंग पर शासन ने ओवरब्रिज निर्माण की हरी झंडी दी

रायपुर-विशाखापट्टनम मार्ग पर स्थित कचना रेलवे क्रासिंग पर शासन ने ओवरब्रिज निर्माण की हरी झंडी दे दी है। लोक निर्माण विभाग ने तैयारी शुरू कर दी है, लेकिन अब पेंच फिर से अड़ गया है। बिजली विभाग ने पोल और लाइन शिफ्टिंग के लिए चार करोड़ 80 लाख रुपये की मांग कर दिया है। बिजली विभाग की मांग के बाद लोक निर्माण विभाग चिंता में पड़ गया है। पीडब्ल्यूडी के अधिकारियों ने दोबारा सर्वे कर स्टीमेट बनाकर देने के लिए बिजली विभाग को पत्र लिखा है। ओवरब्रिज का निर्माण होने से करीब तीन लाख लोगों को राहत मिलेगी। इसलिए इस काम को करना आवश्यक है

ज्ञात हो कि कचना रेलवे क्रासिंग पर 49 करोड़ रुपये की लागत से 871 मीटर लंबाई और 12 मीटर चौड़ाई का ओवरब्रिज का निर्माण किया जाएगा। वर्तमान में वाल्टेयर लाइन पर स्थित कचना रेलवे क्रासिंग पर एक दिन में करीब 120 से 130 मालगाड़ी और यात्री गाड़ी गुजरती है। ट्रेन के गुजरने के पांच मिनट पहले रेलवे क्रासिंग को बंद कर दिया जाता है। ट्रेन के गुजरने के पांच मिनट पहले रेलवे क्रासिंग को बंद कर दिया जाता है। पटरी पार करने में यात्रियों को 15 मिनट तक का समय लग जाता है। स्थानीय लोगों की समस्या को देखते हुए शासन ने ओवरब्रिज की स्वीकृति दी है।
रोज होता है 15 मिनट का समय व्यर्थ

खम्हारडीह रेलवे क्रासिंग के कारण वहां से गुजरने वाले हर व्यक्ति का रोजाना 10-15 मिनट खराब हो रहा है। यही नहीं, क्रासिंग के कारण वाहनों के सात से 10 फीसद तक ज्यादा ईंधन जल रहे हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए ब्रिज निर्माण का काम किया जा रहा है।
रोजाना गुजरती हैं 120 टे्रनें
कचना रेलवे क्रासिंग से यात्री गाड़ियों के साथ ही बड़ी संख्या में लगभग 120-130 मालगाड़ियां भी गुजरती हैं। यहां पर हर 15 मिनट में फाटक को बंद करना पड़ता है। कई बार जंबो मालगाड़ी होने से क्रासिंग का गेट काफी देर तक बंद रहता है। इसके कारण वाहनों की लंबी कतार लग जाती है।

तीन लाख लोगों को मिलेगा लाभ
इस ओवरब्रिज से खम्हारडीह, कचना के आसपास के इलाके जैसे वीआइपी स्टेट, अशोका रतन, कचना हाउसिंग बोर्ड, पिरदा बाराडेरा, जोरा, चंडीनगर, पार्वती नगर और भावना नगर की बड़ी आबादी को सीधे फायदा मिलेगा। ओवरब्रिज के निर्माण से करीब तीन से चार वार्डों के करीब तीन लाख लोगों का समय भी बचेगा।

कचना रेलवे क्रासिंग पर ओवरब्रिज के निर्माण के लिए बिजली को शिफ्ट करना है। बिजली विभाग स्टीमेट बनाकर देगा। उसके बाद बिजली के खंबों को शिफ्ट कराने के बाद ओवरब्रिज का निर्माण कार्य शुरू किया जाएगा।
एसएस मांझी, अधीक्षण अभियंता रायपुर

  • वाल्टेयर लाइन से परेशान शहर
  • रोजाना क्रासिंग से गुजरने वाली ट्रेनें-120-130
  • कितने वार्ड प्रभावित-3 बड़े वार्ड
  • प्रभावित कुल आबादी-तीन लाख
  • ओवरब्रिज का निर्माण 49 करोड़ रुपये की लागत से

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