अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों की मदद करें सरकारें : एस. जे.एफ़

अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों की मदद करें सरकारें : एस. जे.एफ़

   सार्क जर्नलिस्ट फोरम द्वारा आयोजित एकदिवसीय ऑनलाइन अंतर्राष्ट्रीय वार्ता में सार्क देशों के पत्रकारों ने अफगानिस्तान के पत्रकारों के ऊपर हो रहे अत्याचारों के खिलाफ एक सुर में आवाज़ उठायी और सार्क देशों के सरकारों से अपील की कि वो तालिबान सरकार को कहे कि अफगानिस्तान में पुनः मीडिया और पत्रकारों को स्वतंत्र रूप से काम करने दें। बता दे कि सत्ता परिवर्तन के बाद से अफगानिस्तान के पत्रकारों की आज़ादी छीन गयी है और वहाँ के पत्रकारों ने दूसरे मुल्कों में जा कर अपना जीवन यापन कर रहे हैं। मुहम्मद ग्रान अफगानिस्तान के एक पत्रकार जो इस समय पाकिस्तान में हैं उन्होंने बताया कि मेरी तरह लगभग 100 से अधिक पत्रकार है जो पाकिस्तान के अलग -अलग हिस्सों में रह रहे हैं। उनका कहना है कि हम बहुत ही बदतर हालातों में रह रहे हैं और कब तक इस तरह रहना पड़ेगा नही पता।नॉर्वे में रह रहे अफगानी  पत्रकार खलील ने अफगानिस्तान के पत्रकारों को लेकर चिंता जतायी और विश्व समुदाय के साथ साथ सार्क जर्नलिस्ट के पत्रकारों को साथ खड़े होने का आग्रह भी किया।पाकिस्तानी पत्रकार हसनैन चौधरी और शागिर अहमद ने कहा कि हम सब अफगनिस्तान के पत्रकार भाइयों के साथ खड़े हैं  और हम उनकी समस्याओं को लेकर पाकिस्तानी हुक्मरानों के साथ बातचीत करेंगे और अफगानिस्तान दूतावास को भी इस बारे में बताएंगे।इस गोष्ठी में भारत मे महाराष्ट्र में पत्रकारो पर हमले और उनकी हत्या को लेकर निंदा भी की गई। सरकार से पत्रकार सुरक्षा अधिनियम बनाने और लागू करने की मांग भी की गयी, वही दूसरी तरफ भूटान में बन्द होते अखबार और निजीकरण के कारण खतरों पर भी चर्चा की गयी। भूटान के रिंग्ज़िक वांगचुक का कहना है कि  भूटान में मीडिया सरकारी हाथ से निकल कर निजी हाथों में जा रहा है और बड़े सरकारी मान्यता प्राप्त मीडिया हाउस बन्द हो रहे हैं। विज्ञापन और तमाम सहयोग बन्द हो रहे हैं हम उम्मीद करते हैं कि हालात बदल जाएंगे।अफ़ग़ानिस्तान की ही महिला पत्रकार अमीना आजिज़ी का कहना है कि अफगानिस्तान में जिस तरह के हालात बन गए है आने वाले समय मे महिला पत्रकारिता और महिला पत्रकार दोनों खत्म हो जाएंगे। पत्रकारों की हालत पर चिंता जताते हुए सार्क जर्नलिस्ट फोरम के अध्यक्ष (अंर्तराष्ट्रीय) राजू लामा ने संयुक्त राष्ट्र संघ को चिट्ठी लिख कर अफ़ग़ानिस्तान के पत्रकारों की समस्या को दूर करने का आग्रह किया है।  भारत के विभिन्न हिस्सो में पत्रकारों पर हो रहे हमले को ले कर भी चिंता जतायी गयी। महाराष्ट्र के प्रदेश अध्यक्ष अनिल सांबले, दक्षिण भारत के प्रदेश समनव्यक थिलाई नटरंजन के साथ भारत के सभी प्रदेश इकाई ने इस पर सहमति जताई और पत्रकारों पर हमले कि निंदा की है। सार्क जर्नलिस्ट फोरम इंडिया चैप्टर के अध्यक्ष ने भारत चैप्टर की ओर से वेबिनार में भाग लेने के लिए देशों के पत्रकार बंधुओ का धन्यवाद किया और पत्रकारों की स्थिति पर चिंता जताते हुए भविष्य में पत्रकार हित को ले कर संघर्ष तेज करने की बात कही।
  
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