केंद्रीय वित्त मंत्री – ‘अगर ऑयल बांड भुगतान करने का बोझ नहीं होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती’…

नई दिल्‍ली : 

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संवाददाताओं से बातचीत में कहा कि केंद्र और राज्‍यों को साथ बैठकर पेट्रोलियम की ऊंची कीमतों के मुद्दे के समाधान के लिए रास्‍ता तलाशने की जरूरत है. मनमोहन सिंह के नेतृत्‍व वाली पिछली कांग्रेस सरकार ने सरकारी तेल कंपनियों को ईंधन के कृत्रिम रूप से कम रखे गये खुदरा बिक्री मूल्य और लागत में अंतर की भरपाई के लिये बांड जारी किए थे. ये ऑयल बांड अब ‘मेच्‍योर’ हो रहे हैं और इनका ब्याज के साथ भुगतान किया जा रहा है.

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा है कि सरकार ईंधन (पेट्रोल-डीजल) पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती यदि उस पर यूपीए के समय के ऑयल बांड्स  के लिए भुगतान करने का बोझ नहीं होता. पेट्रोल और डीजल की ऊंची कीमतों को कम करने के लिये उन पर उत्पाद शुल्क में कटौती से इनकार करते हुए उन्‍होंने कहा कि पूर्व में ईंधन पर दी गयी भारी सब्सिडी के एवज में किए जा रहे भुगतान से उनके हाथ बंधे हुए हैं.

 

वित्‍त मंत्री सीतारमण ने सोमवार को कहा कि सरकार ने इन तेल बांड के लिए पिछले पांच साल में 60,000 करोड़ रुपये से अधिक ब्याज का भुगतान किया है और अभी भी 1.30 लाख करोड़ रुपये बकाया हैं. उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा, ‘अगर मुझ पर ऑयल बांड के लिए भुगतान करने का बोझ नहीं होता तो मैं ईंधन पर उत्पाद शुल्क कम करने की स्थिति में होती.

एक अन्‍य सवाल पर वित्त मंत्री ने कहा कि पिछली तिथि से कराधान समाप्त करने संबंधी नियम जल्द बनेंगे. संसद में पारित कानून का अनुसरण करेंगे.

गौरतलब है कि संसद ने इस महीने की शुरुआत में एक संशोधन कानून पारित कर 2012 के पूर्व तिथि से कर लगाने संबंधी कानून के प्रावधान को निरस्त कर दिया. संशोधित कानून में यह व्यवसथा की गई है कि यदि कंपनियां सभी कानूनी विवाद वापस लेती हैं तो उनसे पिछली तिथि से लिया गया कर वापस कर दिया जाएगा. इसके लिये अब नियमों को तैयार किया जाना है, वित्त मंत्री ने इसी संबंध में कहा कि नियम जल्द तैयार कर लिये जाएंगे.

उन्होंने कहा, ‘मैं इस संबंध में संसद में पारित कानून का अनुसरण करूंगी.’वित्त मंत्री ने कहा कि मंत्रालय के अधिकारी केयर्न, वोडाफोन के साथ विचार विमर्श कर रहे हैं. उनसे पिछली तिथि से जुड़े कर मामलों, कर वापसी और निपटान को लेकर बातचीत हो रही है. हालांकि, उन्होंने कहा, ‘इस संबंध में मेरे साथ अब तक कोई बातचीत नहीं हुई है.’ 

(ndtv खबर से भी इनपुट)