रायपुर : क्रेडिट लेने की जिद थी क्रेडिबिलिटी भी लुटा आया. छत्तीसगढ़ कर्मचारी अधिकारी महासंघ ने मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से 13 अगस्त को बात की 6% मंहगाई भत्ते पर बात बनी, बताया जाता है की सीएम 5% की तैयारी से आए थे लेकिन संयोजक अनिल शुक्ला की 3% की दो किश्तों के आग्रह के बाद 6% के आदेश 16अगस्त को जारी हुए.
सीएम ने भरोसा दिया था कि शेष 6% की कमी वित्तीय संसाधनों को ध्यान में रख दीपावली अथवा राज्योत्सव में की जाएगी. इधर 12 दिनों की हड़ताल के बाद फेडरेशन का कहना है कि दीवाली पर सरकार 3% डी ए बढ़ाएगी यह उपलब्धि है.
18 अगस्त को महासंघ की मुख्यसचिव अमिताभ जैन के साथ बैठक आयोजित हुई जिसमे प्रांतीय संयोजक अनिल शुक्ला महासचिव ओ पी शर्मा, करन सिंह अटेरिया तथा मंत्रालय कर्मचारी संघ के महासंघ महेंद्र सिंह राजपूत ने भाग लिया था. इसमें गृह भाड़ा भत्ता के पुनरीक्षण एवम देय तिथि से डी ए के एरियर्स पर चर्चा की गई देय तिथि पर तृतीय, चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारियों को नगद भुगतान तथा शेष कर्मचारियों के जी पी एफ में जमा करने एवम एच आर ए के पुनरीक्षण पर सहमति बनी.
सी एम से मुलाकात के बाद घोषणा होनी थी. फेडरेशन ने एच आर ए पर एक कमेटी बनाने की बात कर ली ,,इसके पहले फेडरेशन ने एक आंदोलन कर महंगाई भत्ते, वेतन विसंगति के लिए पिंगुआ कमेटी बनवाई थी. कुछ बैठके भी हुई लेकिन क्या हुआ किसी को नहीं पता? उस कमेटी का क्या हुआ?
महासंघ के प्रवक्ता संजय तिवारी ने बताया कि फेडरेशन 12% महंगाई भत्ते व एच आर ए के पुनरीक्षण के लिए कर्मचारियों को आंदोलन में झोंका था लेकिन पहले दिन से ही अपना स्टैंड बदलते रहा. 14अगस्त को 1% 18अगस्त को 1/2% 20अगस्त को फेडरेशन का प्रस्ताव था कि सरकार जो 6% महंगाई भत्ता महासंघ से चर्चा के बाद 1अगस्त से दिया गया. वह अगर फेडरेशन से चर्चा कर 1जुलाई 2022 से देने की घोषणा मुख्यमंत्री कर दे तो वह हड़ताल नही करेगा.
इस पर सीएम ने तल्ख टिप्पणी करते हुए कहा भी कि वे कोई सौदेबाजी नही करने वाले है इनसे, इसके बाद से सी एम ने लगातार फेडरेशन से बात करने से इंकार करते रहे. आज भी डी ए/एच आर ए की जो बाते की जा रही है वह फेडरेशन स्वयंम कह रहा ना कि राज्य सरकार का कोई प्रतिनिधि. इसके पहले भी फेडरेशन कभी मरवाही उपचुनाव के बाद, फिर खैरागढ़ उप चुनाव तो कभी दिवाली – राज्योत्सव पर डी ए की बाते पिछले तीन वर्षो से करता रहा.
महासंघ के पी आर साहू, के बी सत्यार्थी, आलोक मिश्रा, सतीश पसेरीया, प्रदीप बोगी, एस एन देवांगन शिवकुमार पांडे, अश्वनी गुर्देकर ने कहा कि फेडरेशन पहले दिन से महासंघ से लड़ रहा था. क्रेडिट 6% डी ए की लेने की इस क्रेडिट की लड़ाई में अपनी क्रेडिबिलिटी भी लुटा बैठा।