गर्भ में शिशु के मौत के मामले में जांच के निर्देश

Chhattisgarh Digest News Desk ; Edited by : Nahida Qureshi, Farhan Yunus.

रायपुर। स्वास्थ्य विभाग ने रायपुर जिला अस्पताल में 13 जुलाई को गर्भ में शिशु के मौत के मामले में जांच के निर्देश दिए हैं। स्वास्थ्य मंत्री टी.एस. सिंहदेव के निर्देश पर विभाग ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया है। विभागीय सचिव निहारिका बारिक सिंह के निर्देश के बाद संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की उपसंचालक डॉ. अलका गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया गया है। उन्हें सात दिनों के भीतर विस्तृत जांच कर जांच प्रतिवेदन एवं दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही का प्रस्ताव संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं को प्रेषित करने के निर्देश दिए गए हैं।

बता दें कि राजधानी के मठपुरैना निवासी मोहन साहू (27) ने बताया कि प्रसव पीड़ा से व्याकुल पत्नी संतोषी साहू (24) को सोमवार शाम पांच बजे 102 एंबुलेंस से जिला अस्पताल कालीबाड़ी लाया गया। यहां तड़पती प्रसूता को भर्ती करने की बजाय रात आठ बजे आने की बात कहकर भगा दिया गया। काफी मिन्नतें करने के बाद भी भर्ती नहीं होने पर दर्द से कराहती प्रसूता को मजबूरी में रोते बिलखते परिजन जिला अस्पताल के पंडरी परिसर ले गए, लेकिन यहां भी पीड़िता को भर्ती करने के बजाय चिकित्सक नहीं होने और बिस्तर की कमी की बात करते हुए अस्पताल के बाहर ही बैठा दिया गया।

पति मोहन ने बताया कि हाथ-पैर जोड़ने के बाद रात साढ़े सात से आठ बजे के बीच अस्पताल में भर्ती किया गया, लेकिन इलाज के लिए डॉक्टर ही नहीं थे। इस बीच अस्पताल में जब इलाज की बात कही गई तो नॉर्मल डिलवरी करने की बात कहकर किसी ने ध्यान नहीं दिया। रात करीब 10 से 10ः30 के बीच जब इलाज मिला, तब तक देर हो चुकी थी। गर्भ में शिशु ने पेट में ही गंदा पानी पी लिया था। समय पर इलाज नहीं मिलने से शिशु ने गर्भ में दम तोड़ दिया।

कार्रवाई के मुख्य बिंदु
स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव के निर्देश पर विभाग ने पूरे मामले की विस्तृत जांच के लिए जांच अधिकारी नियुक्त किया है। विभागीय सचिव निहारिका बारिक सिंह के निर्देश के बाद संचालक, स्वास्थ्य सेवाएं द्वारा राज्य स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण संस्थान की उपसंचालक डॉ. अलका गुप्ता को जांच अधिकारी बनाया गया है।
सात दिनों के भीतर विस्तृत जांच कर जांच प्रतिवेदन एवं दोषी अधिकारी-कर्मचारी के विरूद्ध कार्यवाही करना होगा।
स्वास्थ्य विभाग से माँगा जवाब।
छत्तीसगढ़ मानवाधिकार आयोग ने मामले पर लिया संज्ञान, विभाग को नोटिस जारी।
पुलिस ने पीड़िता के पति और मितानिन का लिया बयान, विभाग से भी हुई पूछताछ

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